बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत देहरादून की डोईवाला विधानसभा सीट से विधायक हैं। लेकिन अब इस सीट से वे नहीं लड़ना चाहते हैं। हालांकि उनके चुनाव लड़ने की खबरों के बीच ये चर्चा भी जोरों पर है कि आखिर इस सीट से बीजेपी किसको टिकट देगी।
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धामी का नेतृत्व हो सकता है कारण
प्रत्याशियों की सूची आने से पहले ही त्रिवेंद्र सिंह रावत के लेटर के कई मायने निकाले जा रहे हैं। चर्चा इस बात कि है कि रावत युवा नेता और सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ना चाहते। हालांकि रावत ने अपने लेटर में ये लिखा है कि राज्य में दोबारा पुष्कर सिंह धामी की युवा सरकार बने इसके लिए वो काम करना चाहते हैं।
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धामी का नेतृत्व हो सकता है कारण
प्रत्याशियों की सूची आने से पहले ही त्रिवेंद्र सिंह रावत के लेटर के कई मायने निकाले जा रहे हैं। चर्चा इस बात कि है कि रावत युवा नेता और सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ना चाहते। हालांकि रावत ने अपने लेटर में ये लिखा है कि राज्य में दोबारा पुष्कर सिंह धामी की युवा सरकार बने इसके लिए वो काम करना चाहते हैं।
कौन होगा डोईवाला से बीजेपी उम्मीदवार
त्रिवेंद्र सिंह रावत के जेपी नड्डा को लिखे खत और उसमें जताई गई इच्छा के मुताबिक अब वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं। ऐसे में बीजेपी खेमे में इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि अब डोईवाला से बीजेपी का प्रत्याशी कौन होगा।
त्रिवेंद्र सिंह रावत के जेपी नड्डा को लिखे खत और उसमें जताई गई इच्छा के मुताबिक अब वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं। ऐसे में बीजेपी खेमे में इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि अब डोईवाला से बीजेपी का प्रत्याशी कौन होगा।
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मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
यही नहीं इस बीच राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा भी है कि पार्टी त्रिवेंद्र सिंह रावत को कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है। उन्हें भाजपा का प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि अब तक पार्टी की ओर से ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि रावत को टिकट दिया जा रहा है या नहीं।
बता दें कि नड्डा को लिखे कत से पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सिद्धपीठ कुंजापुरी मंदिर पहुंचकर दर्शन किए। उन्होंने क्षेत्र और प्रदेश की खुशहाली, कोरोना महामारी से निजात दिलाने और प्रदेश में फिर से भाजपा सरकार बनाने का आशीर्वाद लिया।
मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
यही नहीं इस बीच राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा भी है कि पार्टी त्रिवेंद्र सिंह रावत को कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है। उन्हें भाजपा का प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि अब तक पार्टी की ओर से ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि रावत को टिकट दिया जा रहा है या नहीं।
बता दें कि नड्डा को लिखे कत से पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सिद्धपीठ कुंजापुरी मंदिर पहुंचकर दर्शन किए। उन्होंने क्षेत्र और प्रदेश की खुशहाली, कोरोना महामारी से निजात दिलाने और प्रदेश में फिर से भाजपा सरकार बनाने का आशीर्वाद लिया।