बता दें कि सोमवार 7 मार्च की शाम मतदान समाप्त होने के बाद आठो विधानसभा क्षेत्र की ईवीएम को पहड़िया मंडी के स्ट्रांग रूम में रखा गया है। वहीं मंगलवार की शाम चार गाड़ियां मंडी परिसर से बाहर निकलीं। इसमें से एक गाड़ी मतगणना केंद्र के पास हुई बैरिकेडिंग से टकरा गई। इसकी आवाज सुनकर वहां पहले से मौजूद सपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे तो पाया कि गाड़ी में ईवीएम है। ईवीएम देखते ही उन्होंने गाड़ी को घेर लिया और पार्टी के अन्य साथियों और मीडिया कर्मियों को फौरन पहड़िया मंडी पहुंचने के मैसेज ह्वाट्स एप पर करने लगे। देखते ही देखते वहां सपा-सुभासपा कार्यकर्ताओं का मजमा लग गया। वो वहीं धरने पर बैठ गए। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की मांग है कि उन्हें स्ट्रांग रूम के बाहर चौकीदारी की इजाजत दी जाए। हंगामा कर रहे सपा कार्यकर्ता, पुलिस प्रशासन विरोधी नारे लगाते हुए ईवीएम मशीन गायब होने का आरोप लगा रहे है।
वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी/ कलेक्टर कौशल राज शर्मा का कहना है कि ये ईवीएम प्रशिक्षण के लिए पहड़िया मंडी स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से यूपी कॉलेज जा रही थी। इसे देख कुछ राजनैतिक लोगों ने वाहन को रोक कर उसे चुनाव में प्रयुक्त ईवीएम कह कर अफवाह फैलाई है। कल काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की द्वितीय ट्रेनिंग है और हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए ये मशीन ट्रेनिंग में हमेशा प्रयुक्त होती हैं। जो ईवीएम चुनाव में प्रयुक्त हुई थीं वे सब स्ट्रांग रूम में सीआरपीएफ के कब्जे में सील बंद हैं और उसमें सीसीटीवी की निगरानी है जिसे सभी राजनैतिक दलों के लोग देख रहे हैं।
वहीं डीसीपी वरुणा ने भी डीएम के वर्जन की तस्दीक करते हुए कहा कि ट्रेनिग वास्ते मशीनें ले जाई जा रही थी। लेकिन सपा व सुभासपा कार्यकर्ता अपनी मांग पर अड़े रहे। यहां ये भी बता दें शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी गठबंधन उम्मीदवार किशन दक्षित और बीजेपी प्रत्याशी व यूपी के मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी के बीच कांटे का मुकाबला है। सपा कार्यकर्ताओं का तो दावा है कि वो ये सीट जीत रहे हैं। उनका ये भी आरोप है कि मंत्री को पराजय से बचाने के लिए पुलिस प्रशासन ईवीएम बदलने का खेल कर रहा है जो हम होने नहीं देंगे।