बता दें कि इस चरण में विभिन्न दलों से 171 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि 75 लाख 94 हजार 549 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इस चरण में दस हजार 620 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। दिलचस्प यह है कि इस चरण में सभी मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है। पूर्वी मिदनापुर जिले में 9 विधानसभा सीट, पश्चिमी मिदनापुर में 9 विधानसभा सीट, बांकुड़ा में 8 विधानसभा सीट और दक्षिण 24 परगना की 4 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग हो रही है।
दूसरे चरण में शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) 651 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसमें पूर्वी मिदनापुर में सीएपीएफ की 199 कंपनियां, पश्चिमी मिदनापुर में सीएपीएफ की 210 कंपनियां, दक्षिण 24 परगना में सीएपीएफ की 170 कंपनियां और बांकुड़ा में सीएपीएफ की 72 कंपनियां तैनात की गई हैं। पिछले चुनाव में इन सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, मगर इस बार समीकरण बदले-बदले से हैं। भाजपा इन सीटों को इस बार काफी उम्मीदभरी नजरों से देख रही है।
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नंदीग्राम सबसे हाईप्रोफाइल सीटइस चरण में पूर्वी मिदनापुर की नंदीग्राम विधानसभा सबसे हाइप्रोफाइल सीट है। यहां से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस से उम्मीदवार हैं, जबकि भाजपा ने करीब चार महीने तृणमूल कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। शुभेंदु करीब 14 साल पहले कृषि भूमि अधिग्रहण के विरोध में शुरू हुए नंदीग्राम आंदोलन के समय से ही ममता बनर्जी के साथ जुड़े थे। वह ममता के काफी करीबी माने जाते थे। मगर बीच में कुछ मतभेदों और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक की वजहों से तृणमूल कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हो गए।
माना जा रहा है इस सीट पर जीत ममता बनर्जी और शुभेंदु दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार हैं और सिर्फ यहीं से उन्होंने पर्चा भरा है, जबकि शुभेंदु नंदीग्राम की विरासत के सर्वेसर्वा होने का दावा करते रहे हैं। ऐसे में अगर वह यहां से हारते हैं तो यह उनके राजनीतिक अस्तित्व के लिए भी चुनौती साबित होगी। शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को यहां से 50 हजार वोटों से हराने का दावा भी किया है। चूंकि यह चुनाव शुभेंदु के गढ़ में हो रहा है, इसलिए इस बार उनकी साख भी दांव पर है। वहीं, ममता बनर्जी पिछले चार दिनों से नंदीग्राम में ही डटी हुई हैं। इससे स्पष्ट है कि ममता इस सीट को कितना अहमियत दे रही हैं।
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2 मई को तस्वीर होगी साफहाल ही में ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक ने शुभेंदु अधिकारी पर निशाना साधते हुए गद्दार और मीरजाफर तक कह दिया था। वहीं, शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि अगर ममता बनर्जी यहां से जीतीं तो इसे मिनी पाकिस्तान बना देंगी। बहरहाल, दोनों ही अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं, मगर 2 मई को नतीजे आने के बाद ही तस्वीर साफ होगी कि किसके दावे में कितना दम है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से राज्य में आठ चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण की वोटिंग गत 27 मार्च को हो गई। इसमें पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर वोट डाले गए, जबकि दूसरे चरण में आज एक अप्रैल को वोटिंग हो रही है। इसमें चार जिलों के 30 चरणों की वोटिंग हो रही है। तीसरे चरण के लिए 6 अप्रैल को, चौथे चरण के लिए 10 अप्रैल को, पांचवे चरण के लिए 17 अप्रैल को, छठें चरण के लिए 22 अप्रैल को, सातवें चरण के लिए 26 अप्रैल को और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को वोटिंग होगी। नतीजे 2 मई को घोषित होंगे।