Four state Assembly Election Result 2023: भारत निर्वाचन आयोग रविवार 3 दिसंबर को चार राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के चुनाव परिणामों को ऐलान करेगा। सुबह 8 बजे से सभी मतगणना केंद्रों पर एक साथ वोटों की गिनती शुरु होगा।
अब देखना यह है कि क्या राजस्थान का रिवाज बदलेगा या मध्य प्रदेश के सियासत का ऊंट एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में बैठता है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का गढ़ खत्म होगा या फिर तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखते हैं। लेकिन उससे पहले जान लेते है कि इन 4 राज्यों में कब चुनाव हुआ था।
2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में किसी को नहीं मिला था बहुमत
2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने वसुंधरा राजे सरकार का अंत कर दिया था। कांग्रेस के उम्मीदवार 99 जबकि भाजपा के 77 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। हालांकि कांग्रेस नर्वस नाइंटीज के फेर में फंस गई मगर बसपा और बागी बनकर निर्दलीय चुनाव लड़े कांग्रेस के नेताओं के समर्थन से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने का रास्ता भी साफ होता दिखा रहा है। बसपा ने 6 जबकि अन्य ने 21 सीटों पर जीत पाई है।
मध्य प्रदेश में बनी थी त्रिशंकु विधानसभा
मध्य प्रदेश में 230 निर्वाचन क्षेत्रों के सदस्यों का चुनाव करने के लिए 28 नवंबर 2018 को मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव हुए थे। यह चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी राजनीतिक लड़ाई थी । आकर्षण का एक मुख्य केंद्र कांग्रेस के कद्दावर नेता अरुण यादव और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच मुकाबला था ।
छत्तीसगढ़ में खत्म हुआ था कांग्रेस के 15 साल का वनवास
2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जनता ने रमन सरकार को अलविदा कह दिया। 15 साल के वनवास के बाद अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। इस चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 68 सीटों पर जीत दर्ज की। 15 सालों तक सत्ता संभालने वाली भाजपा 15 पर ही सिमट गई है। मायावती और जोगी के गठबंधन को सात सीटें मिलीं थी।
केसीआर ने दोहराई जीत
2018 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में के. चंद्रशेखर राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समितिने अपना परचम लहराते हुए 88 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं कांग्रेस, तेलुगु देशम पार्टी, तेलंगाना जन समिति और वाम दलों का प्रजा कुटामी गठबंधन 21 सीटों पर सिमट गया। जहां पिछले चुनाव में भाजपा के विधायकों की संख्या 5 थी वहीं इस बार यह 1 हो गई है। ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी 8 में से 7 सीट पर जीत हासिल की है।