राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम अब से कुछ देर में सबके सामने होंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को धोबी पछाड़ देते हुए 200 विधानसभा वाले राजस्थान में 77 सीटों पर ढ़केल दिया था। वहीं, खुद 99 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। लेकिन पांच साल के बाद फिर से दोनों पार्टियां आमने सामने है और दोनों में कांटे की टक्कर है। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की सबसे बड़े नेता वसुंधरा राजे के खेमे ने अभी से बाड़े बंदी शुरु कर दी है।
नतीजों से पहले वसुंधरा खेमे में तेजी
राजस्थान में आज आने वाले विधानसभा चुनाव परिणाम से पहले ही पहले कांग्रेस और बीजेपी के बीच सरकार बनाने के लिए समीकरण साधने की कवायद तेज हो गई है। चुनावी एग्जिट पोल में दोनों दलों के बीच टाइट फाइट दिखाई गई है। ऐसे में दोनों दल निर्दलीय-बागी और छोटे दलों को साधने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे है। जानकारी के मुताबिक पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खेमे में शनिवार देर रात तक ताबड़तोड़ बैठकें हुई।
BJP ने हनुमान बेनीवाल से किया संपर्क
इस बीच सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) प्रमुख हनुमान बेनीवाल से बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने संपर्क किया है। इससे पहले वे एनडीए गठबंधन का हिस्सा थे। लेकिन 2020 में किसान बिल पर गठबंधन छोड़ दिया था। पिछले विधानसभा चुनाव में आरएलपी के उम्मीदवारों ने तीन विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।
कांग्रेस-BJP के बीच कांटे की टक्कर
बता दें कि राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी। यहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच।कड़ा मुकाबला है। राज्य के 200 विधानसभा क्षेत्रों में से 199 में 51,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई थी। कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण श्रीगंगानगर जिले के करणपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव स्थगित कर दिया गया था।
प्रचार में छाए रहे ये मुद्दे
कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही पार्टियां इस बार सीएम फेस घोषित किए बगैर चुनाव मैदान में उतरी थीं। सत्ताधारी दल ने ‘काम किया है दिल से, कांग्रेस फिर से’ नारे के साथ चुनाव लड़ा तो वहीं ने बीजेपी ने ‘मोदी साथे राजस्थान’ नारा दिया था। कांग्रेस चिरंजीवी योजना, सस्ते गैस सिलेंडर जैसी योजनाओं को लेकर जनता के बीच गई तो बीजेपी ने कन्हैयालाल हत्याकांड, जोधपुर दंगे और पेपर लीक की घटनाओं को मुद्दा बनाया।