बता दें कि मंगलवार की शाम मतगणना केंद्र से ईवीएम लदे चार वाहनों के निकने और उसमें से एक वाहन के सपा कार्यकर्ताओं द्वारा पकड़े जाने के बाद हंगामा शुरू हो गया था। देखते ही देखते पहड़िया स्थित मतगणना स्थल के बाहर सपा, सुभासपा के साथ वाराणसी के पूर्व सांसद और कैंट विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी राजेश मिश्र के नेतृत्व में कांग्रेसी भी मौके पर पहुंच गए। उधर प्रशासन बार-बार ये बताता रहा कि ये ईवीएम प्रशिक्षण वाले हैं। लेकिन विरोध प्रदर्शन करने वाले अपनी मांग पर डटे रहे। कुछ लोगों ने कलेक्टर को हटाने की मांग भी शुरू कर दी। ये सब सुबह करीब साढ़े तीन बजे तक चला।
ये भी पढें- UP Assembly Election 2022: वाराणसी के शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र की ईवीएम बदलने का आरोप लगाकर सपा का हंगामा विरोध प्रदर्शन का आलम ये रहा कि सपा कार्यकर्ताओं ने जिला निर्वाचन अधिकारी/ कलेक्टर को घेरा लिया। ऐेसे में बवाल बढ़ता देख 15 थानों की फोर्स को मौके पर बुला ली गई। साथ ही अर्द्धसैनिक बल की टीम भी पहुंच गई। सुरक्षा बल के घेरे में जिला निर्वाचन अधिकारी को पहड़िया मंडी परिसर में सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। देर रात कमिश्नर दीपक अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा, कि ईवीएम मूवमेंट प्रोटोकॉल में चूक हुई है, जिसकी रिपोर्ट आयोग को भेजी गई है। इस बीच सपा-सुभासपा कार्यकर्ताओं ने ऑब्जर्वर से डीएम-कमिश्नर को मतगणना प्रकिया से बाहर करने की मांग भी की।
इस बीच उत्तर प्रदेश मुख्य निर्वाचन अधिकारी का संदेश भी लोगों को सुनाया गया और ह्वाट्सएप पर वायरल किया गया, जिसमें उन्होंने बताया है कि वाराणसी में 8 मार्च को कुछ EVM गाड़ी में ले जायी जा रही थीं, जिन पर वहां उपस्थित राजनीतिक प्रतिनिधियों ने आपत्ति दर्ज कराई है। जांच में यह पाया गया है कि ये EVM प्रशिक्षण के लिए चिन्हित थीं। कुछ राजनीतिक लोगों ने चुनाव में इस्तेमाल की गई EVM कह कर अफवाह फैलायी। उन्होंने भी अपने संदेश में जिला निर्वाचन अधिकारी की बात ही दोहराई। बताया कि मतदान के दौरान उपयोग में लाई गई सभी EVM स्ट्रॉग रूम के अंदर सील बंद और सुरक्षित हैं।
लेकिन सपा-सुभासपा कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। वो लगातार ये आरोप लगाते रहे कि वाराणसी दक्षिणी विधानसभा की EVM बदली गई है। मंत्री नीलकंठ को जिताने के लिए पुलिस-प्रशासन धांधली कर रहा है। भीड़ इतनी बढ़ गई कि पुलिस ने काली माता मंदिर के पास से पहड़िया मंडी जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया। उधर वाराणसी के कलेक्टर कौशल राज शर्मा ने कहा कि जिन प्रत्याशियों को शक है। उनको बुलाया है वो खुद आकर अंदर और बाहर से स्ट्रांम रूम देख लें।
इस पर सपा नेताओं का कहना था कि वो EVM की निगरानी के लिए पहड़िया मंडी स्थित स्ट्रांग रूम के बाहर पहरा दे रहे थे। इसी बीच पहड़िया मंडी के अंदर से चार मालवाहक निकले। दो वाहन तेजी से आगे निकल गए। एक वाहन बैरियर से टकरा गया तो आवाज सुनकर वह लोग भाग कर उसके पास पहुंचे। उन्होंने देखा कि मालवाहक में पीछे EVM लदी हुई थी। सपाइयों ने वाहन घेर लिया तो चालक कूद कर भाग निकला।
उधर, पूर्व सांसद और कैंट विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश मिश्रा का ने कहा कि यदि ईवीएम ट्रेनिंग के लिए ही भेजना था, तो प्रत्याशियों को जानकारी क्यों नहीं दी। इस बीच जहां पहड़िया मंडी स्थित मतगणना केंद्र पर तो विरोध प्रदर्शन चल ही रहा था तभी गोलगड्डा समेत कई जगहों पर सपा समर्थकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। एकाध जगह पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा। बल प्रयोग के विरोध में कुछ लोगों ने पुलिस की गाड़ी पर ईंट-पत्थर भी फेके जिसमें एडिशनल कमिश्नर की कार का शीशा टूट गया।
लगातार जारी विरोध प्रदर्शन के बीच आधी रात के बाद निर्वाचन आयोग के ऑब्जरवर्स की निगरानी में सभी कंट्रोल यूनिट, बैलट यूनिट और VVPAT चेक की गई। इस मौके पर ज्यादातर प्रत्याशी और पार्टी पदाधिकारी भी मौजूद रहे। सभी को खुले में टेबल पर सारी 20 मशीन चेक कर के दिखाई गई। सभी मशीन डमी निकाली। इसके बाद मामला शांत हुआ।
फिर सभी 20 EVM सेट को सभी प्रत्याशियों की संतुष्टि के बाद बक्से सील कराए गए। अब प्रशिक्षण वाले ईवीएम को पहड़िया मंडी स्थित मतगणना स्थल से हटा दिया गया है। साथ ही मतगणना स्थल पर सभी पार्टियों के वो प्रतिनिधि जो शिफ्टवार निगरानी के लिए बैठे हैं उनके लिए पंडाल व्यवस्था की गई।