घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन में हडक़ंप मच गया। सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, जिनमें पूर्णिया जिले के आईजी सुरेश चौधरी और एसपी आशीष कुमार भी शामिल हैं, मौके पर पहुंच गए है। मृत पुलिस इंस्पेक्टर के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
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ममता ने शाह को बताया बाघ से भी ज्यादा खतरनाक, कहा- ऐसा गुंडा, दंगेबाज गृह मंत्री पूरी जिंदगी में नहीं देखा बता दें कि बिहार में पुलिस अधिकारी की हत्या का यह पहला केस नहीं है। इससे पहले भी छापेमारी करने गई टीम पर बदमाशों ने हमला किया है और पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारा है। गत 24 फरवरी को बिहार के सीतामढ़ी जिले में शराब तस्करी की सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी। छापेमारी करने गई पुलिस टीम में मेजरगंज थाने के दरोगा दिनेश राम भी शामिल थे। इस दौरान तस्करों ने दिनेश राम को गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। इस मामले में तीन नामजद अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें दो को गिरफ्तार किया गया, जबकि एक अपराधी का शव बाद में घटनास्थल से कुछ दूरी पर मिला था।
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चार साल की भारतीय बच्ची बालकनी में लगातार रो रही थी, पुलिसकर्मी अंदर गए तो दिखा यह नजारा बहरहाल, शुक्रवार देर रात हुई अश्विनी कुमार की हत्या से एक बार फिर पुलिस को चुनौती देेने की कोशिश अपराधियों ने की है। मगर सवाल यह भी खड़े हो रहे हैं कि क्या पुलिस टीम की तैयारी इतनी मजबूत नहीं थी कि वह अपराधियों से लोहा ले सके।