मामला अरविंद राजभर के नामांकन के दिन का है। आरोप है कि भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और उनके बेटे व शिवपुर से विधानसभा प्रत्याशी अरविंद राजभर के खिलाफ कलक्ट्रेट परिसर में नामांकन के दौरान बड़ी तादाद में समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट परिसर में घुस आए थे। इतना ही नहीं उनके साथ आई समर्थकों के हुजूम ने कोविड गाइड लाइन का भी उलंघन किया। साथ ही प्रभु श्री राम के खिलाफ अमर्यादित नारेबाजी की।
ये भी पढें- UP Assembly Elections 2022: नामांकन के दौरान कचहरी परिसर में धक्कामुक्की, गालीगलौज और नारेबाजी इस मामले में अधिवक्ता आनंद ज्योति सिंह ने सीजेएम भारतेंद्र सिंह की अदालत में याचिका दाखिल की है। इस पर अदालत ने कैंट थाने से 22 फरवरी को आख्या तलब की है। अदालत में दिए गए आवेदन में कहा गया कि गत 14 फरवरी को कलक्ट्रेट में नामांकन के दौरान सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर व उनके पुत्र अरविंद बड़ी तादाद में समर्थकों के साथ घुस आए और चुनाव आयोग व कोविड गाइडलाइन का उलंघन किया। यही नहीं प्रभु श्री राम के खिलाफ नारेबाजी की जिससे हिंदुओ की धार्मिक भावना आहत हुई। ऐसे में मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का अनुरोध किया गया। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए कैंट थाने से आख्या 22 फरवरी को तलब की है।
ये भी पढें- UP Assembly Elections 2022: सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर संग धक्कामुक्की व नारेबाजी, प्रशासन सख्त, बार एसोसिएशन को लिखा पत्र यहां ये भी बता दें कि ये वही दिन है जब कलेक्ट्रेट परिसर में नामांकन के दौरान जबरदस्त हंगामा हुआ था। आरोप रहा कि नामांकन से लौटते वक्त अधिवक्ताओं के एक समूह ने ओमप्रकाश राजभर के विरुद्ध नारेबाजी, धक्कामुक्की और गालीगलौज की थी। ओमप्रकाश राजभर ने इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से भी की और वाराणसी के कलेक्टर व पुलिस कमिश्नर को हटाने की मांग की थी।