पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2021) में विभिन्न चरणों में होने वाले मतदान की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के भीतर कलह भी सतह पर दिखाई पड़ रही है। पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को होनी है, मगर पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रचार से मना कर दिया है।
नए और पुराने नेताओं के बीच लड़ाई!
इससे पहले, मंगलवार को राज्य के अलग-अलग जिलों से कोलकाता आए भाजपा (BJP) के कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रदेश चुनाव कार्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन भी किया। पार्टी सूत्रों के अनुसार, पूरा विरोध उन नेताओं को लेकर है, जो दूसरी पार्टी से हाल के दिनों में भाजपा में आए हैं। यही नहीं, पुराने नेताओं को दरकिनार करके इनमें से कई नेताओं को पार्टी ने टिकट भी दे दिया। ऐसे में मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।
इससे पहले, मंगलवार को राज्य के अलग-अलग जिलों से कोलकाता आए भाजपा (BJP) के कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रदेश चुनाव कार्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन भी किया। पार्टी सूत्रों के अनुसार, पूरा विरोध उन नेताओं को लेकर है, जो दूसरी पार्टी से हाल के दिनों में भाजपा में आए हैं। यही नहीं, पुराने नेताओं को दरकिनार करके इनमें से कई नेताओं को पार्टी ने टिकट भी दे दिया। ऐसे में मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।
झड़प के बाद पुलिस को देना पड़ रहा दखल
राज्य की जिन सीटों पर सबसे ज्यादा कलह दिखाई दे रही है, उनमें केनिंग वेस्ट, मगराहट, कुलटली, जोयनगर और विष्णुपुर की सीट हैं। यहां नेतााओं के बीच अक्सर विवाद इतना बढ़ जा रहा है कि यह हिंसक झड़प में तब्दील हो रहा है। ऐसे में पुलिस को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। बता दें कि विष्णुपुर सीट पर मंगलवार को ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा (Jai Prakash Nadda) ने रोड शो और चुनावी जनसभा की थी।
राज्य की जिन सीटों पर सबसे ज्यादा कलह दिखाई दे रही है, उनमें केनिंग वेस्ट, मगराहट, कुलटली, जोयनगर और विष्णुपुर की सीट हैं। यहां नेतााओं के बीच अक्सर विवाद इतना बढ़ जा रहा है कि यह हिंसक झड़प में तब्दील हो रहा है। ऐसे में पुलिस को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। बता दें कि विष्णुपुर सीट पर मंगलवार को ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा (Jai Prakash Nadda) ने रोड शो और चुनावी जनसभा की थी।
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भाजपा ने राज्य की केनिंग वेस्ट सीट से अर्णब रॉय को टिकट दिया है। अर्णब पांच दिन पहले ही तृणमूल छोडक़र भाजपा में शामिल हुए हैं। ऐसे में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता नाराज हैं कि जो शख्स महज पांच दिन पहले पार्टी में शामिल हुआ है, उसे टिकट क्यों दिया गया। कार्यकर्ताओं की मांग है कि केनिंग वेस्ट सीट से अर्णब रॉय की उम्मीदवारी वापस ली जाए। पार्टी कार्यकर्ताओं का यह भी आरोप है कि ऐसे बहुत से नेता हैं, जो किसी न किसी मामले में भ्रष्टचार के आरोपों में फंसे हैं। ऐसे में उन्हें टिकट देना कहां तक उचित है।
भाजपा ने राज्य की केनिंग वेस्ट सीट से अर्णब रॉय को टिकट दिया है। अर्णब पांच दिन पहले ही तृणमूल छोडक़र भाजपा में शामिल हुए हैं। ऐसे में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता नाराज हैं कि जो शख्स महज पांच दिन पहले पार्टी में शामिल हुआ है, उसे टिकट क्यों दिया गया। कार्यकर्ताओं की मांग है कि केनिंग वेस्ट सीट से अर्णब रॉय की उम्मीदवारी वापस ली जाए। पार्टी कार्यकर्ताओं का यह भी आरोप है कि ऐसे बहुत से नेता हैं, जो किसी न किसी मामले में भ्रष्टचार के आरोपों में फंसे हैं। ऐसे में उन्हें टिकट देना कहां तक उचित है।
हम चुनाव में प्रचार नहीं करेंगे
मगरहाट के रहने वाले और भाजपा के पुराने कार्यकर्ता रोनी मन्ना के मुताबिक, यदि पार्टी ऐसे नेताओं की उम्मीद्वारी वापस नहीं लेती है तो विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा। हम ऐसे ही बैठे रहेंगे और चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। बता दें कि नए नेताओं को लेकर भाजपा के पुराने नेताओं में नाराजगी नई नहीं है। यह काफी पहले से चल रहा है, मगर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी तब और बढ़ गई है, जब आलाकमान ने पुराने नेताओं को दरकिनार करते हुए नए नेताओं को टिकट दे दिया है। बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे और चौथे चरण के लिए 63 उम्मीद्वारों की सूची गत रविवार को जारी हुई, तब से यह कलह और बढ़ी है।
मगरहाट के रहने वाले और भाजपा के पुराने कार्यकर्ता रोनी मन्ना के मुताबिक, यदि पार्टी ऐसे नेताओं की उम्मीद्वारी वापस नहीं लेती है तो विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा। हम ऐसे ही बैठे रहेंगे और चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। बता दें कि नए नेताओं को लेकर भाजपा के पुराने नेताओं में नाराजगी नई नहीं है। यह काफी पहले से चल रहा है, मगर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी तब और बढ़ गई है, जब आलाकमान ने पुराने नेताओं को दरकिनार करते हुए नए नेताओं को टिकट दे दिया है। बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे और चौथे चरण के लिए 63 उम्मीद्वारों की सूची गत रविवार को जारी हुई, तब से यह कलह और बढ़ी है।
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पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। राज्य में आठ चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इसके अलावा, तीसरे चरण के लिए 6 अप्रैल को, चौथे चरण के लिए 10 अप्रैल को, पांचवे चरण के लिए 17 अप्रैल को, छठें चरण के लिए 22 अप्रैल को, सातवें चरण के लिए 26 अप्रैल को और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को वोटिंग होगी। नतीजे 2 मई को घोषित होंगे।
पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। राज्य में आठ चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इसके अलावा, तीसरे चरण के लिए 6 अप्रैल को, चौथे चरण के लिए 10 अप्रैल को, पांचवे चरण के लिए 17 अप्रैल को, छठें चरण के लिए 22 अप्रैल को, सातवें चरण के लिए 26 अप्रैल को और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को वोटिंग होगी। नतीजे 2 मई को घोषित होंगे।