जीत का फार्मूला – किसान आंदोलन ने दिलों की दूरियां पाट दी हैं। जाट-गुर्जर समेत मुस्लिम समुदाय एकजुट दिख रहा है। रालोद-सपा गठबंधन का उम्मीदवार यदि 30 फीसद वैश्य वोटरों को लुभा सका तो परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। भाजपा उम्मीदवार भी कमजोर नहीं है। चुनाव 2017 में भाजपा के कपिल देव अग्रवाल ने सपा के गौरव स्वरूप बंसल को 10 हजार वोटों के अंतर से हराया था।
मतदाताओं का गणित- कुल मतदाता 3,56,283
पुरुष मतदाता 1,89,918
महिला मतदाता 1,66,325
मंगलामुखी 40
मुस्लिम 1,31,640
पिछड़ी जाति 98,660
वैश्य 48,214
दलित 38,252
ब्राह्मण 12,080 इनके बीच है चुनाव 2022 की जंग- कपिलदेव अग्रवाल-भाजपा
सौरभ स्वरुप-सपा
सुबोध शर्मा-कांग्रेस
पुष्पांकर पाल-बसपा
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जीत के 5 जादुई मुद्दे – 1- गन्ने का सही वक्त पर पेमेंट और सही दाम मुद्दा
2- जातिगत और धार्मिक समीकरण
3- किसान आंदोलन में सरकार से मिला दर्द
4- व्यापार और व्यापारी मुद्दा
5- कानून व्यवस्था, शिक्षा, चिकित्सा और रोजगार
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एक बार जीता मुस्लिम – सदर सीट से सिर्फ एक बार ही मुस्लिम जीता है। भारतीय क्रांति दल के टिकट पर 1969 में सईद मुर्तजा विधानसभा पहुंचे। तीन महिलाएं पहुंची विधानसभा – जनता पार्टी (1977) मालती शर्मा
कांग्रेस (1985) चारुशीला
भाजपा (1996) सुशीला।
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भाजपा (1996) सुशीला।