scriptमुजफ्फरनगर सदर सीट : मुस्लिम बहुल सीट पर एक भी दल ने नहीं उतारा अल्पसंख्यक प्रत्याशी | Muslim Majority Muzaffarnagar Assembly Seat crucial Role UP Election | Patrika News
चुनाव

मुजफ्फरनगर सदर सीट : मुस्लिम बहुल सीट पर एक भी दल ने नहीं उतारा अल्पसंख्यक प्रत्याशी

शुगर बाउल के नाम से फेमस मुजफ्फरनगर में एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी है। मुस्लिम बहुल्य होने के बाद भी यह पहला चुनाव है कि यहां कोई मुसलमान प्रत्याशी नहीं है। सपा और रालोद गठबंधन से वैश्य उम्मीदवार है। कांग्रेस ने ब्राहमण उम्मीदवार पर अपना दांव खेला है। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने पाल (गड़रिया) प्रत्याशी को मैदान में उतार है। जबकि भाजपा ने कपिल देव अग्रवाल को टिकट दिया है।

Jan 25, 2022 / 05:02 pm

Sanjay Kumar Srivastava

मुजफ्फरनगर सदर सीट : मुस्लिम बहुल सीट पर एक भी दल ने नहीं उतारा अल्पसंख्यक प्रत्याशी

मुजफ्फरनगर सदर सीट : मुस्लिम बहुल सीट पर एक भी दल ने नहीं उतारा अल्पसंख्यक प्रत्याशी

शुगर बाउल के नाम से फेमस मुजफ्फरनगर में एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी है। मिठास इस इलाके की पहचान है। मुस्लिम और जाट वोट जिस उम्मदीवार को मिल जाता है वो सीधे लखनऊ का टिकट कटा लेता है। पर 2013 के दंगों ने मुजफ्फरनगर सदर विधान सभा का पूरा खेल ही बदल डाला। अब यहां मुस्लिम और हिन्दुओं की राहें अलग-अलग हो गई हैं। दंगों के बाद से लगातार भाजपा जीत रही है। इस सीट की खासियत है कि, चुनाव तक माहौल पल-पल बदलता रहता है। मुस्लिम बहुल्य होने के बाद भी यह पहला चुनाव है कि यहां कोई मुसलमान प्रत्याशी नहीं है। सपा और रालोद गठबंधन से वैश्य उम्मीदवार है। कांग्रेस ने ब्राहमण उम्मीदवार पर अपना दांव खेला है। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने पाल (गड़रिया) प्रत्याशी को मैदान में उतार है। जबकि भाजपा ने कपिल देव अग्रवाल को टिकट दिया है।
जीत का फार्मूला –

किसान आंदोलन ने दिलों की दूरियां पाट दी हैं। जाट-गुर्जर समेत मुस्लिम समुदाय एकजुट दिख रहा है। रालोद-सपा गठबंधन का उम्मीदवार यदि 30 फीसद वैश्य वोटरों को लुभा सका तो परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। भाजपा उम्मीदवार भी कमजोर नहीं है। चुनाव 2017 में भाजपा के कपिल देव अग्रवाल ने सपा के गौरव स्वरूप बंसल को 10 हजार वोटों के अंतर से हराया था।
मतदाताओं का गणित-

कुल मतदाता 3,56,283
पुरुष मतदाता 1,89,918
महिला मतदाता 1,66,325
मंगलामुखी 40
मुस्लिम 1,31,640
पिछड़ी जाति 98,660
वैश्य 48,214
दलित 38,252
ब्राह्मण 12,080

इनके बीच है चुनाव 2022 की जंग-

कपिलदेव अग्रवाल-भाजपा
सौरभ स्वरुप-सपा
सुबोध शर्मा-कांग्रेस
पुष्पांकर पाल-बसपा

यह भी पढ़ें

असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी में बनाया पहला हिंदू उम्मीदवार वो भी ठेठ ब्राह्मण, सब है हैरान

जीत के 5 जादुई मुद्दे –
1- गन्ने का सही वक्त पर पेमेंट और सही दाम मुद्दा
2- जातिगत और धार्मिक समीकरण
3- किसान आंदोलन में सरकार से मिला दर्द
4- व्यापार और व्यापारी मुद्दा
5- कानून व्यवस्था, शिक्षा, चिकित्सा और रोजगार
यह भी पढ़ें

इन पांच को साध लिया तो जीत लेंगे सरधना विधानसभा सीट पर मुस्लिम होंगे निर्णायक

एक बार जीता मुस्लिम –

सदर सीट से सिर्फ एक बार ही मुस्लिम जीता है। भारतीय क्रांति दल के टिकट पर 1969 में सईद मुर्तजा विधानसभा पहुंचे।

तीन महिलाएं पहुंची विधानसभा –
जनता पार्टी (1977) मालती शर्मा
कांग्रेस (1985) चारुशीला
भाजपा (1996) सुशीला।

Hindi News / Elections / मुजफ्फरनगर सदर सीट : मुस्लिम बहुल सीट पर एक भी दल ने नहीं उतारा अल्पसंख्यक प्रत्याशी

ट्रेंडिंग वीडियो