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West Bengal Assembly Elections 2021: ममता का आरोप- भाजपा को फायदा पहुंचा रहा चुनाव आयोग

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में इस बार तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर दिखाई दे रही है। आठ चरणों मे होने वाली वोटिंंग का पहला चरण 27 मार्च से शुरू हो रहा है, जबकि आठवें यानी अंतिम चरण की वोटिंग 29 अप्रैल को है। नतीजे दो मई को आएंगे। आठ चरणों में चुनाव कराने को लेकर आयोग पर तमाम राजनीतिक दल निशाना साध रहे हैं, जबकि भाजपा इसे सही कदम बता रही है।
 

Mar 25, 2021 / 10:41 am

Ashutosh Pathak

नई दिल्ली।
देश में अगले कुछ दिनों में वैसे तो पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, मगर इस बार सबसे अधिक चर्चा जिस राज्य की हो रही है, वह पश्चिम बंगाल है। जी हां, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2021) पर इस बार सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। ऐसा शायद इसलिए कि यहां इस बार तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर है। अभी तक आए ओपिनियन पोल में भी भाजपा को बढ़त मिलता बताया जा रहा है।
तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की कवायद
बता दें कि राज्य में ममता बनर्जी की बीते करीब दस साल से सरकार है। वह लगभग 34 साल तक लगातार बंगाल की सत्ता पर काबिज रहे वाममोर्चा को हराकर सत्ता पर काबिज हुई थीं और लगातार दो बार उनकी सरकार बनी। तीसरी बार भी सत्ता में आने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी-तोड़ मेहनत कर रही हैं। अपनी पार्टी यानी तृणमूल कांग्रेस की वह अकेली स्टार प्रचारक हैं और शायद यही वजह है कि जीत के लिए पूरा दारोमदार उन पर टिका है। पिछले दिनों एक हादसे में वह घायल हो गई थीं। पैर में चोट आने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, मगर जल्द ही उन्होंने अस्पताल से छुट्टी ले ली और व्हील चेयर पर ही रैलियां और रोड शो करने लगीं।
हाइप्रोफाइल नेताओं की लगातार रैलियां और रोड शो
दूसरी ओर, भाजपा भी इस बार बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरे दमखम से चुनाव लड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा की रैलियां और रोड शो यहां लगभग रोज हो रहे हैं। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे कुछ और कद्दावर नेताओं की रैलियां आयोजित की जा रही हैं।
कांग्रेस और वामदलों की चुप्पी पर कई सवाल
इसके अलावा, वामदल और कांग्रेस इस बार गठबंधन बनाकर बंगाल के चुनाव मैदान में उतरे हैं। हालांकि, कांग्रेस शायद बंगाल विधानसभा चुनाव को गंभीरता से नहीं ले रही। संभवत: इसीलिए अब तक गांधी परिवार से या फिर कोई बड़ा कांग्रेसी चेहरा अब तक प्रचार के लिए यहां नहीं आया है। हाल ही में पार्टी ने 30 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जरूर जारी की है, जिसमें अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका वाड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू और सचिन पायलट के अलावा ग्रुप-23 में शामिल मनीष तिवारी का नाम भी शामिल है। वहीं, वामदल भी इस बार शांति से चुनाव प्रचार में जुटे हैं।
कब-कब वोटिंग, कितने वोटर और क्या है जादुई आंकड़ा
बहरहाल, राज्य में कुल 294 सीटों पर आठ चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को है, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 1 अप्रैल को, तीसरे चरण की वोटिंग 6 अप्रैल को, चौथे चरण की वोटिंग 10 अप्रैल को, पांचवे चरण की वोटिंग 17 अप्रैल को, छठें चरण की वोटिंग 22 अप्रैल को, सातवें चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को और आठवें चरण की वोटिंग 29 अप्रैल को होगी। राज्य में कुल सात करोड़ 32 लाख 94 हजार 980 रजिस्टर्ड वोटर हैं। सरकार गठन के लिए कुल सीट के आधे से एक अधिक यानी 148 सीट होना जरूरी है।
भाजपा को छोड़ सभी नाराज
बंगाल में इस बार आठ चरणों में वोटिंग कराए जाने से तमाम दल चुनाव आयोग से नाराज हैं। या फिर यूं कहें कि भाजपा को छोडक़र बाकी दलों ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। ममता बनर्जी ने तो सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ऐसा करके भाजपा को फायदा पहुंचा रहा है। वामदलों ने भी इस पर सवाल उठाए तो आयोग को अपनी ओर से सफाई देनी पड़ी है।
पोलिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ानी पड़ी

आयोग के मुताबिक, त्योहारों की वजह से और कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार पोलिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ानी पड़ी है, जिसकी वजह से आठ चरणों में चुनाव कराने का फैसला लेना पड़ा। हालांकि, वाम दल इस दलील से सहमत नहीं हैं, मगर भाजपा इसे सही कदम बता रही है। पार्टी का कहना है कि इससे राज्य में निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराए जा सकेंगे।
किस चरण में कितनी सीटों पर हो रही वोटिंग
– पहले चरण के लिए 27 मार्च को वोटिंग होगी। इसमें 30 विधानसभा क्षेत्र कवर होंगे।
– दूसरे चरण की वोटिंग 1 अप्रैल को होगी। इसमें भी 30 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।
– तीसरे चरण की वोटिंग 6 अप्रैल को होगी। इसमें 31 विधानसभा क्षेत्र कवर होंगे।
– चौथे चरण की वोटिंग 10 अप्रैल को होगी। इसमें 44 विधानसभा क्षेत्र कवर होंगे।
– पांचवें चरण की वोटिंग 17 अप्रैल को है। इसमें 45 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।
– छठें चरण की वोटिंग 22 अप्रैल को है। इसमें 43 विधानसभा क्षेत्र कवर होंगे।
– सातवें चरण की वोटिंग 26 अपै्रल को होगी। इसमें 36 विधानसभा क्षेत्र कवर होंगे।
– आठवें यानी अंतिम चरण की वोटिंग 29 अप्रैल को होगी और इस बार 35 विधानसभा क्षेत्र कवर किए जाएंगे।

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