चुनाव

Political kisse : कहानी उस सीएम की जो कहता था मैं चोर हूं…

– चंद्रभानु यूपी की राजनीति में बड़ी ताकत बन गए थे। कहा जाता है कि, यूपी कांग्रेस में चंद्रभानु का इतना रौला था कि विधायक पहले चंद्रभानु के सामने नतमस्तक होते थे, बाद में नेहरू के सामने साष्टांग।

Nov 13, 2021 / 02:40 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Political kisse : कहानी उस सीएम की जो कहता था मैं चोर हूं…

लखनऊ. चुनाव 2022 दहलीज पर हैं। अब चाय की दुकानों पर किस्सों का दौर शुरू हो गया। आज के पॉलिटिकल किस्से में हम बात करेंगे चंद्रभानु गुप्ता की। चंद्रभानु गुप्ता यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री हुए। लखनऊ और चंद्रभानु गुप्ता के दूसरे के पूरक रहे हैं।
यह भी पढ़े : आखिर बीएसपी सुप्रीमो मायावती को क्यों कहा जाता है यूपी की परफेक्ट वीमेन पॉलिटिशन

आप जानकर ताज्जुब करेंगे की विरोधियों ने उन पर जम कर करप्शन का आरोप लगाया। पर चंद्रभानु गुप्ता थे कि, अपने उपर लगे सभी आरोपों को हंसी में उड़ा दिया करते थे। हालात यहां तक थे कि वह खुद ही मजाक में कहा करते थे कि, गली-गली में शोर है, चंद्रभानु गुप्ता चोर है। पर यह जानकार आप हैरान रह जाएंगे कि, जब चंद्रभानु की मृत्यु हुई तो उनके बैंक एकाउंट में सिर्फ दस हजार रुपए थे।
लखनऊ में वकालत शुरू की :- चंद्रभानु गुप्ता निजी जीवन पर नजर डाले तो मूल रूप से वह अलीगढ़ के बिजौली के रहने वाले थे। उनका जन्म 14 जुलाई 1902 को हुआ था। पिता हीरालाल समाज सेवक थे। चंद्रभानु का मन भी समाज सेवा में रम गया। वे आर्यसमाज से जुड़ गये। और आजीवन ब्रह्मचर्य रहे। शुरुआती पढ़ाई लखीमपुर खीरी में हुई। लखनऊ कानून की पढ़ाई की। और लखनऊ में ही वकालत शुरू कर दी।
यह भी पढ़े : ऐसा मुख्यमंत्री जिसके दांव से BJP को उबरने में लगे 14 साल, गुरु को ही दिखाया पहला दांव

काकोरी काण्ड के वकीलों में एक चंद्रभानु भी थे :- चंद्रभानु ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया। सीतापुर में रौलेट एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए। साइमन कमीशन के विरोध में भी खड़े हुए करीब 10 बार जेल गये। हां, मशहूर काकोरी काण्ड के क्रांतिकारियों के बचाव दल के वकीलों में एक चंद्रभानु भी थे।
चंद्रभानु का राजनीतिक कैरियर :- चंद्रभानु ने 1926 में कांग्रेस ज्वाइन की। अपनी मेहनत के बल पर वह बड़ी तेजी के साथ आगे बढ़े और कांग्रेस पार्टी के कई अहम पदों पर काम किया। यूपी कांग्रेस के कोषाध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अध्यक्ष बनाए गए। इसके बावजूद नेहरू को चंद्रभानु भाते नहीं थे। पर चंद्रभानु यूपी की राजनीति में बड़ी ताकत बन गए थे। कहा जाता है कि, यूपी कांग्रेस में चंद्रभानु का इतना रौला था कि विधायक पहले चंद्रभानु के सामने नतमस्तक होते थे, बाद में नेहरू के सामने साष्टांग।
यह भी पढ़े : पैराशूट महिला जो बनीं यूपी की मुख्यमंत्री, सख्त निर्णयों के लिए थीं विख्यात

तीन बार बने थे सीएम :- चंद्रभानु यूपी के तीन बार सीएम बने थे। वर्ष 1960 से वर्ष 1963 तक। वर्ष 1967 के चुनाव में जीतने के बाद वो फिर मुख्यमंत्री बने पर सिर्फ 19 दिनों के लिए। और वर्ष 1969 में चंद्रभानु गुप्ता ने एक बार फिर सीएम पद की जिम्मेदारी उठाई। 11 मार्च 1980 को उन्होंने इस रहती दुनिया को अलविदा कर दिया।
दुश्मन बहुत थे दोस्त बहुत कम :- जब किस्से सुनाए जाते है तो चंद्रभानु आज भी याद किए जाते हैं। कहा जाता है कि, चंद्रभानु गुप्ता के दुश्मन बहुत थे और दोस्त बहुत कम। पर चंद्रभानु गुप्ता के अंदाज निराले थे।
यह भी पढ़े : यूपी का ऐसा सीएम जो चाय-नाश्ते का पैसा भी भरता था अपनी जेब से

Hindi News / Elections / Political kisse : कहानी उस सीएम की जो कहता था मैं चोर हूं…

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.