ऐसा रहा है मेट्रो मैन श्रीधरन का कॅरियर
ई. श्रीधरन ने वर्ष 1954 में भारतीय रेलवे में सहायक अभियंता के रुप में अपना कॅरियर शुरु किया था। उनके जीवन का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट 1970 में आया जब उन्हें कोलकाता मेट्रो की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद उन्होंने कोंकण रेलवे को पूरा करने की जिम्मेदारी भी निभाई। वर्ष 1995 में उन्हे दिल्ली सरकार ने दिल्ली मेट्रो को शुरु करने का काम सौंपा।
ई. श्रीधरन ने वर्ष 1954 में भारतीय रेलवे में सहायक अभियंता के रुप में अपना कॅरियर शुरु किया था। उनके जीवन का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट 1970 में आया जब उन्हें कोलकाता मेट्रो की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद उन्होंने कोंकण रेलवे को पूरा करने की जिम्मेदारी भी निभाई। वर्ष 1995 में उन्हे दिल्ली सरकार ने दिल्ली मेट्रो को शुरु करने का काम सौंपा।
उन्होंने जनवरी 2012 में प्रिंसिपल एडवाइजर के रूप में DMRC को ज्वॉइन किया। DMRC के साथ मिलकर उन्होंने बखूबी दिल्ली मेट्रो को अंजाम दिया और कुशलतापूर्वक आज इसे एशिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क्स में से एक बना दिया। इसके बाद वह देश के अन्य शहरों में शुरु होने वाली मेट्रो सर्विसेज से भी किसी न किसी रूप में जुड़े रहे और देश को एक नई दिशा दिखाई।
पहले भी आई थी ई. श्रीधरन के सीएम कैंडिडेट बनने की खबर
उल्लेखनीय है कि पहले भी ई. श्रीधरन के भाजपा में शामिल होने और मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की खबरें बाहर आई थी जो बाद में गलत साबित हुईं। इसके बाद हाल ही में मलप्पुरम में केन्द्रीय मंत्री आर.के. सिंह की उपस्थिति में एक रैली के दौरान श्रीधरन भाजपा में शामिल हो गए। इस बात की जानकारी भारतीय जनता पार्टी के केरल अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन ने ट्वीट करते हुए दी थी।
उल्लेखनीय है कि पहले भी ई. श्रीधरन के भाजपा में शामिल होने और मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की खबरें बाहर आई थी जो बाद में गलत साबित हुईं। इसके बाद हाल ही में मलप्पुरम में केन्द्रीय मंत्री आर.के. सिंह की उपस्थिति में एक रैली के दौरान श्रीधरन भाजपा में शामिल हो गए। इस बात की जानकारी भारतीय जनता पार्टी के केरल अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन ने ट्वीट करते हुए दी थी।