पलटकर एक भक्त राजेश पांडेय से पूछता हूं। अयोध्या का माहौल क्या है। जवाब मिलता है। मेरा तो वोट पड़ चुका है। यानी यह किसी दूसरे जिले से दर्शन करने आए हैं। एक और श्रद्धालु मनीष से मुखातिब होता हूं। हजारों करोड़ की विकास योजनाएं क्या अयोध्या के सुनहरे भविष्य की राह खोलेंगी। दिलचस्प जवाब मिलता है। आखिर क्यों न करें सुनहरे भविष्य की कल्पना। लंबे समय बाद यह सुख देखने को मिल रहा है।
यह भी पढ़ें
UP Election 2022 : भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी 16 सीटों पर लड़ रही चुनाव, खेल बिगाड़ रही नाव
नया घाट से टेढ़ी बाजार को जाने वाले अयोध्या की मुख्य सड़क के किनारे से विस्थापित दुकानदार मनोहर लाल बात करते ही फूट पड़ते हैं। कहते हैं कितनी बार विस्थापन का दर्द सहना पड़ेगा। आंखों से आंसू छलक पड़ा। बोले लंबे समय तक हमने संगीनों के साए में जीवन गुजारें हैं। 1857 की जंगी क्रांति में हमारे परिवार के लोग भी शहीद हुए थे। अब तो चैन से जीने का हक मिलना चाहिए। नया घाट से टेढ़ी बाजार जाने वाले रोड के चौड़ीकरण की जद में इनका मकान और दुकान आयी है। यह भी पढ़ें
UP elections 2022 : दिलचस्प मोड़ पर यूपी चुनाव, पांचवें चरण के पांच चक्रव्यूह जिसने किए पार वही बनाएगा सरकार
आम शहरों जैसी समस्या यूं तो अयोध्या धाम का नाम पूरी दुनिया में है। इसे विश्वस्तरीय शहर बनाने की बात हो रही है। लेकिन, अभी तक यहां सीवर लाइन संपूर्ण नहीं है। जर्जर सड़के हैं, जाम और गंदगी की यहां समस्या आम है। राम मंदिर निर्माण के उल्लास का भाव यहां के निवासियों उन्मुक्त भाव से नहीं दिखता है। ऐसे में यह बता पाना बड़ा कठिन लगता है कि अयोध्या वासियों का आशीष किस पर बरसेगा। माझा बरहटा के शंकर प्रजापति सरकार से खफा हैं। वह कहते हैं कि दुनिया में सबसे ऊंची भगवान राम की मूर्ति लगाने के लिए सरकार ने जबरिया हमारी जमीन ले ली है। हमें तो उसका मुआवजा तक भी हासिल नहीं हुआ है। पूरा शहर हुआ भगवामय भाजपा प्रत्याशी वेद प्रकाश गुप्ता पूरी मजबूती के साथ मैदान में डटे हैं। पूरा अयोध्या शहर गुरूवार को भगवा मय दिखाई दिया। मुख्यमंत्री पहले ही करीब 40 से अधिक दौरे कर चुके हैं और गुरुवार को वह रोड शो में पूरे माहौल के मिजाज को तब्दील करते नजर आए। इसे देखकर यही कहा जा सकता है कि भाजपा फिर से जीत दोहराने को बेताब है।
रौनाही में सूना पड़ा मस्जिद स्थल अयोध्या से 30 किलोमीटर दूर रौनाही कस्बे में सपा प्रत्याशी तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय की जनसभा हो रही है। 2012 में जीत दर्ज कर चुके पवन पांडेय आश्वस्त दिखते हैं। हम जनसभा से दूर आगे बढ़ जाते हैं। रौनाही मस्जिद का वो स्थल सूना पड़ा हुआ है। यहां इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन देश की सबसे नायाब मस्जिद बनाने की तैयारी में है। राम जन्मभूमि के बदले में मिली इस जमीन पर हालांकि न तो कोई हलचल है और न ही मस्जिद निर्माण की चर्चा।
हम आगे बढ़ते हैं। दो तीन और कस्बों में चुनावी जायजा लेते हैं। अयोध्या मतदान के लिए कमर कस रही है। मतदाताओं में भविष्य की उम्मीद भरी टकटकी है। लेकिन वोटों से झोली किसकी भरेगी। इसके लिए इंतजार करना होगा। 27 तारीख तक। बदलाव की आहट या फिर इतिहास दोहराने तैयारी के पदचाप सुनता हूं आगे बढ़ जाता हूं। अगले सफर के लिए…