चुनाव आयोग ने शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों और सभी पांच राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
दरअसल कोरोना काल में विधानसभा चुनाव कराए जाने को लेकर पहले ही चुनाव आयोग कह चुका है कि वो किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा। पूरे नियमों के साथ ही चुनाव आयोजित करवाए जाएंगे।
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दरअसल कोरोना काल में विधानसभा चुनाव कराए जाने को लेकर पहले ही चुनाव आयोग कह चुका है कि वो किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा। पूरे नियमों के साथ ही चुनाव आयोजित करवाए जाएंगे।
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इसी कड़ी में शनिवार को चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल देश में अब भी कोरोना के मामले ढाई लाख से ज्यादा आ रहे हैं। ऐसे में राज्यों की ओर से भी कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। यही वजह है कि चुनाव आयोग पहले ही 15 जनवरी तक फिजिकल रैलियों और रोड शो पर रोक लगा चुका था। ऐसे में शनिवार को सबकी नजरें इस बात पर टिकी थीं कि चुनाव आयोग रैली पर लगे बैन को आगे बढ़ाता या फिर कोई और फैसला लेता है। आयोग ने इस रोक को 22 जनवरी तक बढ़ा दिया है।
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इनडोर मीटिंग को मंजूरी
हालांकि आयोग ने राजनीतिक दलों को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के द्वारा तय सीमा के हिसाब से अधिकतम 300 लोगों या हॉल की क्षमता के 50 फीसदी के साथ इनडोर मीटिंग की मंजूरी दी है। इससे पहले आयोग ने सिर्फ वर्जुअल कैंपेन की इजाजत दी थी। इस दौरान आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से ये आग्रह भी किया था कि वे सिर्फ डिजिटल माध्यम से ही प्रचार करें।
इनडोर मीटिंग को मंजूरी
हालांकि आयोग ने राजनीतिक दलों को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के द्वारा तय सीमा के हिसाब से अधिकतम 300 लोगों या हॉल की क्षमता के 50 फीसदी के साथ इनडोर मीटिंग की मंजूरी दी है। इससे पहले आयोग ने सिर्फ वर्जुअल कैंपेन की इजाजत दी थी। इस दौरान आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से ये आग्रह भी किया था कि वे सिर्फ डिजिटल माध्यम से ही प्रचार करें।