पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2021) में पहले चरण के लिए मतदान 27 मार्च को होगा। मतदाताओं को अपनी ओर लुभाने के लिए राजनीतिक दल और प्रत्याशी तमाम दावे और वादे कर रहे हैं। ऐसे ही राज्य में पंडाबेश्वर सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं, जितेंद्र तिवारी। उन्होंने अपने क्षेत्र के मतदाताओं से वादा किया कि अगर वह चुनाव जीत गए, तो सभी को अपने खर्चे से अयोध्या में श्रीराम मंदिर के दर्शन कराएंगे। यह बात उन्होंने अलग-अलग जगह दो बार कह दी। टीएमसी ने इसकी शिकायत आयोग से की, जिसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
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नोटिस मिलने पर आयोग से माफी मांग लीदरअसल, जितेंद्र तिवारी के इस वादे को चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। नोटिस जारी होने के बाद जितेंद्र तिवारी ने चुनाव आयोग को अपना जवाब भी तुरंत भेज दिया। अपने जवाब में तिवारी ने कहा, मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी कि मेरा यह वादा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। जितेंद्र तिवारी ने इससे अनभिज्ञ होने का हवाला देकर आयोग से तुरंत ही माफी भी मांग ली।
टीएमसी ने आयोग से की थी शिकायत
चुनाव अयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो जितेंद्र तिवारी ने मतदाताओं से यह वादा पहली बार 21 मार्च को हरिपुर में आयोजित एक जनसभा में किया था। इसके बाद पार्टी की एक और सभा में उन्होंने अपना यह वादा दोहरा दिया। तिवारी के इस तरह के वादे पर तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी से जुड़े नेताओं ने आपत्ति ली और चुनाव आयोग में 22 मार्च को इसकी शिकायत भी कर दी। इसके बाद ही आयोग ने जितेंद्र तिवारी को नोटिस जारी किया था।
चुनाव अयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो जितेंद्र तिवारी ने मतदाताओं से यह वादा पहली बार 21 मार्च को हरिपुर में आयोजित एक जनसभा में किया था। इसके बाद पार्टी की एक और सभा में उन्होंने अपना यह वादा दोहरा दिया। तिवारी के इस तरह के वादे पर तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी से जुड़े नेताओं ने आपत्ति ली और चुनाव आयोग में 22 मार्च को इसकी शिकायत भी कर दी। इसके बाद ही आयोग ने जितेंद्र तिवारी को नोटिस जारी किया था।
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30 विधानसभा सीटों पर वोटिंग 27 मार्च कोबता दें कि राज्य में पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को है। इस चरण में 5 जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इसमें पुरूलिया, झारग्राम, बांकुड़ा, पूर्वी मेदनीपुर (भाग-1) और पूर्वी मेदनीपुर (भाग-2) की सीटें शामिल हैं। बंगाल की इन 30 विधानसभा सीटों में 4 सीट दलित यानी एससी हैं, जबकि 7 सीट आदिवासी यानी एसटी हैं। सभी सीटों के लिए प्रचार अभियान गुरुवार शाम को थम गया। राज्य में कुल आठ चरणों में वोटिंग होगी, जबकि परिणाम 2 मई को जारी होगा।