सुबह 10.30 बजे चुनाव आयोग ने बैठक कर मतदान की तिथि पर चर्चा करने का निर्णय लिया था। लंबे वक्त से इस मामले को लेकर आयोग की बैठक चली। बैठक में कोरोना संकट के साथ-साथ अन्य सभी पक्षों पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके बाद ये फैसला लिया गया कि पंजाब में अब विधानसभा चुनाव 14 को नहीं बल्कि 20 फरवरी को होगा।
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ये थी राजनीतिक दलों की मांग
दरअसल 16 फरवरी को श्री गुरु रविदास जी की जयंती है। ऐसे में राज्य से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बनारस जाते हैं। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव की तिथि आगे बढ़ाने की मांग की थी। चन्नी के साथ-साथ बीजेपी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस से अलग हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी ने भी चुनाव आयोग से ये मांग की थी, मतदान की तिथि को कम से कम एक हफ्ते के लिए आगे बढ़ाया जाए।
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ये थी राजनीतिक दलों की मांग
दरअसल 16 फरवरी को श्री गुरु रविदास जी की जयंती है। ऐसे में राज्य से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बनारस जाते हैं। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव की तिथि आगे बढ़ाने की मांग की थी। चन्नी के साथ-साथ बीजेपी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस से अलग हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी ने भी चुनाव आयोग से ये मांग की थी, मतदान की तिथि को कम से कम एक हफ्ते के लिए आगे बढ़ाया जाए।
पंजाब में विधानसभा चुनाव को लेकर अधिसूचना की तिथि: 25 जनवरी 2022 जबकि नामांकन की अंतिम तिथि 1 फरवरी 2022 हैं, वहीं स्क्रूटनी की तिथि 2 फरवरी 2022 रखी गई है। इसके साथ ही निकासी की तिथि 4 फरवरी और मतदान की तिथि 20 फरवरी 2022 है, जो पहले 14 फरवरी थी। वहीं मतों की गिनती 10 मार्च 2022 को होगी।
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पंजाब में 32 फीसदी हैं रविदास अनुयायी
दरअसल ‘राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय सहित गुरु रविदास जी के अनुयायियों की अच्छी खासी आबादी है, जो पंजाब की आबादी का लगभग 32 फीसदी है।’ यही वजह है कि राजनीतिक दलों को लगता है कि इससे चुनाव प्रभावित होंगे, काफी लोग वोट नहीं डाल पाएंगे।
पंजाब में 32 फीसदी हैं रविदास अनुयायी
दरअसल ‘राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय सहित गुरु रविदास जी के अनुयायियों की अच्छी खासी आबादी है, जो पंजाब की आबादी का लगभग 32 फीसदी है।’ यही वजह है कि राजनीतिक दलों को लगता है कि इससे चुनाव प्रभावित होंगे, काफी लोग वोट नहीं डाल पाएंगे।