कोरोना संक्रमण (coronavirus) की वजह से ही चुनाव आयोग ने इस बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2021) को आठ चरणों में कराने का फैसला लिया। राज्य में 294 विधानसभा सीटें हैं और 27 मार्च से शुरू हुई वोटिंग अलग-अलग चरणों में होते हुए 29 अप्रैल तक की जाएगी। मगर इसी बीच देश के अन्य राज्यों की तरह बंगाल में भी कोरोना की नई लहर बढऩे लगी है।
बीते 15 दिनों में पांच गुना नए केस सामने आने के बाद से आयोग और प्रशासन दोनों की ही नींद उड़ी हुई है। बावजूद इसके चुनाव प्रचार में मशगूल नेता और राज्य की ज्यादातर जनता इस मामले में लापरवाही बरत रही है।
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दो हजार से ज्यादा नए केस सामने आएबंगाल में 6 अप्रैल को तीसरे चरण की वोटिंग थी। छिटपुट हिंसा के बीच तीन जिलों की 31 विधानसभा सीटों पर मतदान संपन्न हुए। शाम तक आयोग ने जो आंकड़ा जारी किया, उसके मुताबिक करीब 77 प्रतिशत वोटिंग हुई। इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने भी एक आंकड़ा जारी किया। यह कोरोना संक्रमण के नए केस का था। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 6 अप्रैल को राज्य में दो हजार से ज्यादा कोरोना के नए केस सामने आए। यह 22 मार्च को आए आंकड़ों की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक थे।
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22 मार्च को आए थे 174 नए केसबता दें कि 6 अप्रैल को कोरोना संक्रमण के जो दो हजार से अधिक के नए केस सामने आए हैं, यह संख्या इस साल अब तक सबसे ज्यादा है। यही नहीं, इससे पहले बंगाल में बीते तीन दिनों से 1900 से अधिक नए केस सामने आ रहे थे। वहीं, चुनाव का पहला चरण शुरू होने से पहले यानी 22 मार्च को राज्य में कोरोना संक्रमण के 174 नए केस ही थे, मगर जैसे गर्मी के साथ-साथ राजनीतिक तापमान बढ़ रहा है, संक्रमण में भी बढ़ोतरी हो रही है।
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चौथे चरण के लिए 10 अप्रैल को मतदान बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से राज्य की कुल 294 विधानसभा सीटों पर इस बार 8 चरण में मतदान हो रहे हैं। पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को थी, जबकि दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल और तीसरे चरण के लिए 6 अप्रैल को वोट डाले गए। वहीं, अब चौथे चरण के लिए 10 अप्रैल को, पांचवे चरण के लिए 17 अप्रैल को, छठें चरण के लिए 22 अप्रैल को, सातवें चरण के लिए 26 अप्रैल को और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को वोटिंग होगी। नतीजे 2 मई को घोषित होंगे। यह भी पढ़ें
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कोलकाता में मिल रहे सबसे ज्यादा केसचुनावी समर के बीच राज्य की राजधानी कोलकाता में सबसे अधिक संक्रमण के नए केस सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, गत 5 अप्रैल कोरोना संक्रमण के नए केस 606 थे, जबकि अगले दिन यानी 6 अप्रैल को यह संख्या 582 थी। बहरहाल, कोरोना संक्रमण की नई लहर के बावजूद न तो राजनेता और न ही राज्य की जनता, कोई सबक लेने को तैयार नहीं दिख रहा है। राजनेता चुनाव प्रचार के दौरान न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क लगा रहे हैं। यही स्थिति जनता की भी है। उनका सीधा सा जवाब है कोरोना चला गया है, कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ सकता, यहां कोरोना नहीं है।