छत्तीसगढ में कुल 90 विधानसभा सीटें
छत्तीसगढ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। इसमें अगर छत्तीसगढ में कुल आदिवासी वोट कितना है? के बारे में बात करें तो आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ की कुल आबादी करीब 2.75 करोड़ है। जिसमें से 34 फीसदी आदिवासी मतदाता हैं।
यह भी पढ़े – अमित शाह को सीएम बघेल ने दिया कड़ा जवाब, कहा – भाजपा की लूट की वजह से छत्तीसगढ़ सबसे गरीब राज्य बना
भाजपा-कांग्रेस का आदिवासी समुदाय पर फोकस
आदिवासियों के लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 29 सीटें आरक्षित की गई हैं। इन 29 सीटों को छोड़कर कई ऐसी सीटें हैं जहां आदिवासी मतदाता हार.जीत में अहम भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टियां का आदिवासी समुदाय पर फोकस रहता है।
आदिवासी सीटें हैं किंग मेकर्स
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने 28 आदिवासी सीटों पर जीत हासिल की थी। इस जीत की वजह से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी। अगर कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि आदिवासी सीटें किंग मेकर्स हैं।
आदिवासी वोटर्स को लुभा रही है कांग्रेस
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों की हजारों एकड़ जमीन वापस कराने का फैसला लिया। जिसे राज्य सरकार ने एक प्रस्तावित स्टील परियोजना के लिए अधिग्रहित किया था। धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है। वनोपज के समर्थन मूल्य भी बढ़ाए। एक बाजार भी स्थापित किया है। और कोशिशें जारी है।
भाजपा-कांग्रेस का आदिवासी समुदाय पर फोकस
आदिवासियों के लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 29 सीटें आरक्षित की गई हैं। इन 29 सीटों को छोड़कर कई ऐसी सीटें हैं जहां आदिवासी मतदाता हार.जीत में अहम भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टियां का आदिवासी समुदाय पर फोकस रहता है।
आदिवासी सीटें हैं किंग मेकर्स
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने 28 आदिवासी सीटों पर जीत हासिल की थी। इस जीत की वजह से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी। अगर कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि आदिवासी सीटें किंग मेकर्स हैं।
आदिवासी वोटर्स को लुभा रही है कांग्रेस
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों की हजारों एकड़ जमीन वापस कराने का फैसला लिया। जिसे राज्य सरकार ने एक प्रस्तावित स्टील परियोजना के लिए अधिग्रहित किया था। धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है। वनोपज के समर्थन मूल्य भी बढ़ाए। एक बाजार भी स्थापित किया है। और कोशिशें जारी है।
यह भी पढ़े – छत्तीसगढ कांग्रेस में कुछ गड़बड़ है… कुमारी सैलजा ने मोहन मरकाम का पलटा आदेश, भाजपा ने कसा तंज
कांग्रेस को लग सकता है झटका, भाजपा हुई मायूस
सर्व आदिवासी समाज की उपस्थिति ने खासतौर पर कांग्रेस के लिए दिक्कत पैदा कर दी है। भाजपा ने भी आदिवासियों का टारगेट किया था अब उन सीटों पर जीत की डगर कठिन हो जाएगी है।
आदिवासी सीटों पर मुकाबला होगा त्रिकोणीय
सर्व आदिवासी समाज ने विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासी वोटर्स को मुद्दा बनाया है। सर्व आदिवासी समाज के नेता अरविंद नेताम ने घोषणा की है कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में आरक्षित सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। 29 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है।
कांग्रेस को लग सकता है झटका, भाजपा हुई मायूस
सर्व आदिवासी समाज की उपस्थिति ने खासतौर पर कांग्रेस के लिए दिक्कत पैदा कर दी है। भाजपा ने भी आदिवासियों का टारगेट किया था अब उन सीटों पर जीत की डगर कठिन हो जाएगी है।
आदिवासी सीटों पर मुकाबला होगा त्रिकोणीय
सर्व आदिवासी समाज ने विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासी वोटर्स को मुद्दा बनाया है। सर्व आदिवासी समाज के नेता अरविंद नेताम ने घोषणा की है कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में आरक्षित सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। 29 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है।