योगी आदित्यनाथ वीआईपी चेहरों में सबसे पहला नाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आता है। मुख्यमंत्री योगी पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। वह अपने गढ़ गोरखपुर की शहरी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बड़ी बात ये है कि योगी के खिलाफ आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद चुनाव लड़ रहे हैं।
अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बार करहल सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने बीजेपी ने केंद्र सरकार में मंत्री एसपी सिंह बघेल को उतारा है। बघेल कभी मुलायम सिंह यादव के निजी सुरक्षा गार्ड हुआ करते थे और मुलायम सिंह ने उनको साइकिल के चुनाव चिन्ह पर लोकसभा तक भेजा था। इसके साथ ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया व अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव हैं, जो कि सपा के सिंबल पर जसवंतनगर से चुनावी मैदान में हैं।
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असीम अरुण इत्र नगरी कन्नौज पूरे देश में चर्चा का विषय है। यहां भी मुकाबला तगड़ा होने वाला है। यहां से भाजपा ने कानपुर के पुलिस कमिश्नर रहे असीम अरुण चुनाव को उतारा है। वहीं, सपा ने यहां से अनिल दोहरे चुनावी मैदान में हैं। लुईस खुर्शीद फर्रुखाबाद सदर सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद का नाम भी वीआईपी चेहरों में शामिल है। लुईस के खिलाफ भाजपा से मौजूदा विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी हैं। लुईस कांग्रेस की तरफ से तीन बार विधानसभा और दो बार लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा चुकी हैं। जिसनें उन्हें एक बार जीत मिली थी।
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सतीश महाना कानपुर नगर की महाराजपुर सीट से भाजपा ने योगी सरकार में मंत्री सतीश महाना को मैदान में उतारा है। महाना विपरीत परिस्थितियों में यहां से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे हैं। सतीश महाना बीजेपी के ऐसे चेहरे हैं जिन्होंने कभी हार का स्वाद नहीं चखा। महाना 1991 से लगातार विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। सतीश मुस्लिम बाहुल कैंट से पांच बार विधायक रह चुके हैं। केशव प्रसाद मौर्य डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी जिले की सिराथू सीट से चुनाव मैदान में हैं। बीजेपी प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्य खुद को सिराथू का बेटा बताकर जीत का दावा कर रहे हैं। केशव प्रसाद मौर्य पिछड़ी जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं और पिछड़ों को बीजेपी से साधने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है।
अदिति सिंह यबरेली सदर सीट से भगवा लहराने की जिम्मेदारी अदिति सिंह की है। बीजेपी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। वे सीएम योगी से काफी प्रभावित रही हैं। उन्होंने कांग्रेस को खुली चुनौती दी है कि रायबरेली में वे अपना खाता खोलेंगी। अदिति सिंह कद्दावर नेता रहे अखिलेश सिंह की बेटी हैं। वह साल 2017 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरी थीं। अदिति सिंह यूपी विधानसभा की सबसे युवा सदस्यों में से एक हैं।
अजय कुमार लल्लू कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी वीआईपी चेहरों में शामिल हैं। यूपी के कुशीनगर जिले के तमकुहीराज विधानसभा से लगातार दो बार विधायक रह चुके हैं। दयाशंकर सिंह
योगी सरकार में महिला और बाल विकास मंत्री स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह बलिया नगर से ताल ठोके हैं। दयाशंकर ने पहली बार 2007 में बलिया नगर से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन पर इसलिए भी नजर है क्योंकि लखनऊ की सरोजनी नगर सीट पर टिकट को लेकर दयाशंकर सिहं और उनकी पत्नी स्वाति सिंह दोनों की दावा ठोक रहे थे, लेकिन बीजेपी ने दोनों का ही पत्ता काट दिया था।