चुनाव

PM मोदी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनीं वाराणसी की 8 विधानसभा सीट, विधायकों के खिलाफ जनता

UP Vidhansabha Chunav 2022 भाजपा का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के बाद चुनावी लहर उसके पक्ष में हो गयी है। इस बार वाराणसी की कुछ सीटों पर उसे विपक्ष से कड़ी चुनौती मिल रही है तो कुछ सीटों पर वर्तमान विधायक के प्रति स्थानीय जनता में आक्रोश है। लेकिन पीएम मोदी के आने से उसका ज्यादा असर देखने को नहीं मिल रहा है।

Mar 07, 2022 / 07:12 am

Dinesh Mishra

PM Modi in Varanasi during Road Show in Assembly Elections

UP Assembly Elections 2022 में वाराणसी के मौजूदा विधायकों के प्रदर्शन को लेकर पसोपेश में पड़ी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय दौरे के बाद विश्वास से इतनी लबरेज हो गयी है कि उसे इस बार भी जिले की सभी सीटों पर अपना ही कब्जा होते दिख रहा है। वर्ष 2017 में हुये विधानसभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने जिले की सभी आठ सीटों पर जीत हासिल की थी। प्रधानमंत्री के दौरे के बाद इस बार भी उसमें यह आस जगी है कि वाराणसी दक्षिण, वाराणसी उत्तर, वाराणसी कैंट, रोहनिया, अजगरा और पिंडरा सीटों पर उसका प्रदर्शन पिछली बार की तरह ही रहेगा। प्रधानमंत्री ने जिले के तीन विधानसीटों पर अपना रोडशो किया था।
प्रधानमंत्री शनिवार शाम को चुनाव प्रचार अभियान के समाप्त होने से पहले अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर आये थे। वाराणसी के भाजपा नेता का मानना है कि प्रधानमंत्री के दौरे के बाद चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री नीलकंठ तिवारी के प्रतिकूल बह रही हवा भी अब उनके पक्ष में बह रही है।
मंत्री नीलकंठ तिवारी यहीं से विधायक

नीलकंठ तिवारी पहली बार वर्ष 2017 में भाजपा की टिकट पर वाराणसी दक्षिण सीट जीतकर विधायक बने और वह योगी सरकार में मंत्री भी हैं। इस बार समाजवादी पार्टी ने उनके विरोध में कामेश्वर दीक्षित को चुनावी समर में उतारा है। कामेश्वर दीक्षित महा मृत्युंजय मंदिर के प्रमुख हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर और प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना काशी विश्वनाथ गलियारा इसी क्षेत्र में आता है। वाराणसी दक्षिण के एक निवासी विजय ने आईएएनएस को कहा कि स्थानीय विधायक तिवारी से अधिक क्षेत्र में स्थानीय सांसद मोदी ही दिखते हैं।
रोड शो से काफी फर्क पड़ता है

विजय के मुताबिक तिवारी 2017 से पहले निगम का चुनाव भी नहीं जीत पाये लेकिन मोदी लहर में पहली बार उनका बेड़ा पार हुआ और वह विधायक बन गये। क्षेत्र के अधिकतर मतदाता अब मान रहे हैं कि प्रधानमंत्री के रोडशो से तिवारी के पक्ष में एक बार फिर अधिक वोट डाले जायेंगे। भाजपा के जिला प्रकोष्ठ के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि वाराणसी कैंट के पार्टी प्रत्याशी सौरभ श्रीवास्तव को भी प्रधानमंत्री के दौरे से लाभ हुआ है। सौरभ श्रीवास्तव के विपक्ष में कांग्रेस ने पूर्व सांसद राजेश मिश्रा को उतारा है।
पीएम मोदी का जुड़ाव प्रत्याशियों को मजबूत बनाएगा

भाजपा नेता का कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से प्रधानमंत्री का जुड़ाव उन पार्टी प्रत्याशियों को मजबूती देगा , जिनकी स्थिति डंवाडोल चल रही थी। पहले हम दो सीटों को लेकर पसोपेश में भी थे लेकिन अब हमें सभी आठ सीटों पर दोबारा जीत की उम्मीद है। अंतिम चरण के चुनाव में वाराणसी में सात मार्च यानी सोमवार को मतदान होना है। इसके बाद 10 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किये जायेंगे।
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