‘पत्रिका’ से विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी कई गंभीर आरोप लगाए। तोमर ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एआईयूडीएफ चीफ बदरुद्दीन अजमल के सामने घुटने टेक कर उनकी गोद में जा बैठे हैं। उनके इस गठबंधन से कांग्रेस का सांप्रदायिक चरित्र एक बार फिर उजागर हुआ है।
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Assam Assembly Elections 2021 जानिए दूसरे चरण में कितने उम्मीदवारों का क्रिमिनल रिकॉर्ड, इनको टिकट देने में कौसनी पार्टी सबसे आगे सवाल: असम में आपको कैसा माहौल लग रहा है? बीजेपी 2016 के प्रदर्शन को दोहरा सकेगी? तोमर: हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में पिछले 5 वर्ष में असम भी देश की विकास की मुख्यधारा से जुड़ा है। पहले चरण में 47 सीटों पर मतदान से स्पष्ट हो गया है कि असम के मतदाता में भरपूर उत्साह है और उसने वोट के जरिए विकास को अपना समर्थन दिया है।
अगले दो चरणों के मतदान में भी मतदाताओं का भरपूर समर्थन भाजपा और एनडीए गठबंधन के प्रत्याशियों को के पक्ष में रहेगा। असम में तो एनडीए पूर्ण बहुमत से सरकार बना ही रहा है, पश्चिम बंगाल में भी बदलाव की बयार है और वहां भी भाजपा की सरकार बनने जा रही है।
सवाल: नदियों पर पुल और सड़कें बनाने का फायदा चुनाव में भाजपा को मिलेगा? तोमर: दुर्भाग्य से 2016 से पहले 15 वर्ष तक असम में कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन कोई उल्लेखनीय विकास नहीं हुआ और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध यह राज्य पिछड़ गया। भाजपा की सरकार बनने के बाद केंद्र और राज्य के समन्वय से यहां बेहतर रोड नेटवर्क और पुलों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया।
यहां की जीवनरेखा ब्रह्मपुत्र नदी पर भारत का सबसे लंबा 9.15 किलोमीटर का धोला-सादिया और 4.9 किलोमीटर लंबा बोगीबील पुल बना है। जो रेल और सड़क दोनों के लिए एशिया का सबसे लंबा संयुक्त पुल है।
प्रधानमंत्री ने असम में धुबरी को मेघालय के फुलबारी को जोड़ने वाले बह्मपुत्र नदी पर 19 किलोमीटर लंबे पुल की आधारशिला रखी है। असम में 30 हजार किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया गया है।
सवाल: राहुल गांधी चाय बागान श्रमिकों के साथ भाजपा पर धोखा करने का आरोप लगा रहे हैं? 5 गारंटी देने का वादा कर रहे हैं? आपको क्या लगता है? तोमर: 2001 से 2016 के बीच असम में कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन उनके पास कोई काम जनता को दिखाने लिए नहीं है। साथ ही भविष्य के विकास की कोई योजना भी नहीं है। वे झूठे दावे और फर्जी आरोप-प्रत्यारोप से जनता को गुमराह कर अपनी राजनीति चलाना चाहते हैं।
‘मैं अपने दौरों के दौरान चाय बागानों के श्रमिकों के साथ निंरतर संवाद करता रहा हूं। सभी का भरपूर समर्थन हमें मिल रहा है।’ हमने श्रमिकों की मजदूरी 137 रुपए से बढ़ाकर 217 रुपए की, जबकि कांग्रेस ने 15 साल में एक भी बार मजदूरी नहीं बढ़ाई थी।
सवाल: बदरुद्दीन अजमल से कांग्रेस के गठबंधन को किस तरह देखते है? क्या यह कांग्रेस के लिए फायदेमंद और भाजपा के लिए नुकसानदेह होगा? तोमर: एआईयूडीएफ से गठबंधन कांग्रेस नेतृत्व का अंदरूनी मामला है, लेकिन इस बार तो कांग्रेस ने असम में अपनी राजनीतिक चेष्ठाओं के लिए घुटने ही टेक दिए हैं। जब रिजल्ट आएगा, तब कांग्रेस को अपनी हैसियत का पता चलेगा।
एआईयूडीएफ एक सांप्रदायिक पार्टी है। तरुण गोगोई के समय में भी अजमल के साथ कभी भी समझौते की स्थिति नहीं बनी। तरुण गोगोई जानते थे कि अजमल किस स्थिति का व्यक्ति है। लेकिन राहुल गांधी ने अजमल के सामने घुटने टेके और बदरुद्दीन अजमल की गोद में बैठ गए। इससे कांग्रेस का सांप्रदायिक चरित्र एक बार फिर उजागर हुआ है।
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