ये चरण बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इसी चरण के मतदान में प्रदेश के पांच मंत्री और डिप्टी स्पीकर की साख भी दांव पर लगी हुई है। इनमें मत्स्य, आबकारी, पर्यावरण व वन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री पीयूष हजारिका, सिंचाई मंत्री भबेश कलिता और उप-सभापति अमीनुल हक लस्कर शामिल हैं।
यह भी पढ़ेँः
Assam Assembly Elections 2021 केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का दावा, कांग्रेस की होगी करारी हार, पढ़िए पूरा इंटरव्यू
असम विधानसभा चुनाव ( Assam Assembly Elections 2021 ) में पहले चरण के बाद अब हर किसी दल की नजर दूसरे चरण पर टिकी है। इस चरण की 39 सीटों पर मतदान शुरू हो चुका है। दरअसल ये सीटें बीजेपी के लिए काफी मायने रखती हैं, वैसे इस चरण में मुस्लिम बहुल इलाकों में वोट डाले जा रहे हैं, जिस पर बीजेपी की इतनी पकड़ नहीं है।
यही वजह है कि इस चरण को कब्जे में कर बीजेपी चुनाव में जीत के लिए अपनी स्थिति मजबूत बनाना चाहती है।
दूसरे चरण में ही प्रदेश के पांच मंत्रियों की साख भी दांव पर लगी है, जबकि डिप्टी स्पीकर भी इसी चरण से चुनावी मैदान में हैं।
आपको बता दें कि बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने असम में 2016 में जबर्दस्त जीत दर्ज की थी। बीजेपी गठबंधन को 126 में से 86 सीटों पर जीत हासिल की थी।
इस जीत के साथ ही बीजेपी गठबंधन ने असम की सत्ता पर 15 साल से काबिज तरुण गोगोई नीत कांग्रेस सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था।
यह भी पढ़ेँः Assam Assembly Elections 2021: जानिए दूसरे चरण में कितने उम्मीदवारों का क्रिमिनल रिकॉर्ड, इनको टिकट देने में कौनसी पार्टी सबसे आगे सीएए से दूरी के बाद दी थोड़ी हवाबीजेपी के दिग्गज नेताओं ने प्रचार के दौरान पहले चरण में तो सीएए से दूरी बनाए रखी। इस दूसरे चरण के प्रचार में सीएए के मुद्दे को थोड़ी हवा दी। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी सत्ता में आएगी तो सीएए को व्यवस्थित तरीके से लागू किया जाएगा। ये असम के भविष्य को संवारने में कारगर होगा।
पथरकंडी और सिलचर की अपनी चुनावी सभाओं में अमित शाह ने साफ कहा कि शरणार्थियों को नागरिकता का अधिकार दिया जाएगा और घुसपैठियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अब शाह समेत अन्य नेताओं की ये रणनीति वोट में कितनी तब्दील होती है, इसका फैसला तो 2 मई को नतीजों में ही साफ हो पाएगा।