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Assam Assembly Elections 2021: कांग्रेस के मुकाबले दोगुने दम से आई बीजेपी, 2016 से इतने अलग हैं 2021 के वादे

Assam Assembly Elections 2021 कांग्रेस की 5 गारंटी के मुकाबले बीजेपी के 10 संकल्प

Mar 23, 2021 / 01:18 pm

धीरज शर्मा

जेपी नड्डा असम में बीजेपी का संकल्प पत्र जारी करते हुए

नई दिल्ली। असम विधानसभा चुनाव ( Assam Assembly Elections 2021 ) का रण जीतने के लिए बीजेपी ने अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है। खास बात यह है कि इस चुनाव में सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी भले ही अपना पूरा भरोसा दिखा रही हो, लेकिन अंदर ही अंदर उसको भी कांग्रेस का डर सता रहा है।
यही वजह है कि बीजेपी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र के मुकाबले अपने संकल्प पत्र को दोगुना दम के साथ उतारा। दरअसल कांग्रेस ने 5 गारंटियों को घोषणा पत्र और चुनाव में अपनी रणनीति का हिस्सा बनाया तो बीजेपी ने भी मुकाबले में 10 संकल्पों के साथ जनता के बीच वादों की झड़ी लगा दी। इतना ही नहीं कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी ने अपने ही 2016 चुनाव के ‘विजन डॉक्यूमेंट’ को भी काफी हद तक बदल डाला।
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2016 में सीमा सुरक्षा और घुसपैठ मुद्दा
2016 के चुनाव में बीजेपी में असम में धमाकेदार जीत दर्ज की। इस दौरान बीजेपी के दिग्गज नेता दिवंगत अरुण जेटली ने एक विजय डॉक्यूमेंट जारी किया था। इस डॉक्यूमेंट में बीजेपी के एजेंडे में सबसे बड़ा मुद्दा घुसपैठियों पर रोक लगाना था।
विजन डॉक्‍यूमेंट में सीमा सुरक्षा, घुसपैठ जैसे मुद्दों पर जोर दिया गया। बीजेपी ने असम में भारत-बांग्ला सीमा को पूरी तरह सील करने, घुसपैठियों को रोजगार देने वाली कंपनियों से निपटने के लिए कानून बनाने का वादा किया।
असम को कर अवमूल्यन के तौर पर 1,43,239 करोड़ रुपए देने का वादा भी किया गया। कुल मिलाकार बीजेपी के दृष्टिपत्र में सबसे बड़ा और एक मात्र मुद्दा घुसपैठ, सीमा सुरक्षा ही था। इसके लिए बीजेपी ने कांग्रेस मुख्यमंत्री तरुण गोगोई पर भी जमकर निशाना साधा और घुसपैठ को बढ़ावा देने वाला बताया था।
2021 में विकास, नौकरी और अधिकार
पांच वर्ष में बीजेपी की हिट लिस्ट में से घुसपैठ नीचे खिसक गया है और विकास को आगे आना पड़ा। क्योंकि कांग्रेस इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में बीजेपी ने 2021 में विजन डॉक्यूमेंट को संकल्प पत्र में तब्दील किया। इसके जरिए 10 संकल्प भी किए। इनमें विकास, युवाओं को नौकरी, जमीन से लेकर राजनीतिक अधिकारों की रक्षा जैसे मुद्दे प्राथमिकता में नजर आए।
इनके अलावा बाढ़, शिक्षा और आत्मनिर्भर योजनाएं भी बीजेपी ने जनता के मन को जीतने के लिए अपने मेनिफेस्टो में शामिल कीं।

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कांग्रेस 5 तो बीजेपी 10 वादों के साथ
कांग्रेस ने इस चुनाव में 5 गारंटी के जरिए जनता का दिल जीतने की रणनीति पर काम किया और इसी का प्रचार लगातार तमाम बड़े नेता कर भी रहे हैं।
यही वजह है कि बीजेपी ने भी अपनी रणनीति में से आतंकवाद, घुसपैठ जैसे मुद्दों को दोहराने की बजाय संकल्प पत्र में कांग्रेस की 5 गारंटियों के मुकाबले अपने 10 संकल्प दे डाले।

इन्हीं संकल्पों में कांग्रेस की नौकरी, मजदूरी, अधिकार जैसी 5 गारंटियों को और मजबूती देते हुए संकल्प पत्र में दोगुना जोर लगाया।
बीजेपी की बदली हुई रणनीति इस बात की ओर इशारा कर रही है, कि भले ही बीजेपी चुनावी रैलियों में और भाषणों में दावे कर रही हो कि वो सत्ता में वापसी कर रही है, लेकिन अंदर ही अंदर उसे कांग्रेस की पांच गारंटियों का डर सता रहा है।
हालांकि जनता किस ओर झुकेगी, कांग्रेस की 5 गारंटियों या फिर बीजेपी के 10 संकल्पों पर इसका फैसला तो 2 मई को ही हो पाएगा, लेकिन इस घोषणा पत्र के साथ ही चुनावी समर में पारा हाई होने के आसार जरूर हैं।

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