छात्रों के जीवन में पढ़ाई के साथ-साथ बाहरी आकर्षण भी है
उन्होंने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में कहा कि बच्चे जब स्कूल जाना शुरू करते हैं तब से उनके जीवन में शिक्षा का बीज बोया जाता है। हालांकि, उस बच्चे के वातावरण में कई ऐसी चीजें होती हैं जो उसे अपनी ओर आकर्षित करती हैं। ऐसे में पढ़ाई और अपने लक्ष्य पर फोकस करने के लिए योग करना बहुत जरूरी है। यह भी पढ़ें
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ध्यान केंद्रित करने में मिलती है मदद
अवधेश झा ने बताया कि योग ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। चाहे युवा हों या स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे, सभी को योग करना चाहिए। प्राइमरी लेवल के बच्चों को खेल खेल में योग सीखाना चाहिए, ये परिवार और शिक्षकों की जिम्मेदारी है। आजकल कई ऐसे स्कूल हैं जहां योग सीखाए जाते हैं जोकि काफी अच्छा है। यह भी पढ़ें
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सिंहासन, वृक्षासन, सिंह गर्जना आसन, ये कुछ ऐसे योग हैं जो प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है। इन योग आसन की मदद से बच्चे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। साथ ही वे बैठने की कला सीखेंगे। छात्रों का काम है पढ़ाई करना जिसके लिए बैठना बहुत जरूरी है। ऐसा देखा गया है कि योग करने वाले छात्र मानसिक और शारीरिक रूप से अधिक मजबूत होते हैं। उनमें सुनने और सोचने की क्षमता बढ़ जाती है। योग करने वाले छात्र जो भी काम करते हैं फिर चाहे खेलकूद हो या पढ़ाई-लिखाई, वे उसमें अव्वल प्रदर्शन देते हैं। यह भी पढ़ें
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युवाओं के लिए योग (Yoga Day Special 2024)
वहीं जो छात्र नीट, इंजनीयिरिंग, या यूपीएससी जैसी किसी भी परीक्षा की तैयारी करते हैं, उनकी पहली प्राथमिकता होती है पढ़ाई। इस तरह की परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए कई बार 10-12 घंटे की पढ़ाई भी कम पड़ जाती है। अवधेश झा कहते हैं 3-4 घंटे पढ़ाई करने के बाद मन उबने लगता है, लेकिन अगर योग का अभ्यास रहे तो 8-10 घंटे भी बैठने में दिक्कत नहीं आती है। अगर आप भी ऐसी किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो 30-40 मिनट योग का अभ्यास करें। प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका, भ्रामरी करें। साथ ही रोजाना 10 मिनट के लिए ध्यान केंद्रित करें। योग गुरु ने कहा कि छात्र ध्यान के माध्यम से अपने लक्ष्य का भी ध्यान कर सकते हैं।Yoga Guru Abdhesh Jha