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EXPLAINER : इतने Depression में क्यों हैं कोटा में पढ़ रहे छात्र? एक रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

कोटा के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ने एक रिसर्च किया है। जिसका केंद्र बिंदु था, कोचिंग और नॉन-कोचिंग छात्रों में…

कोटाNov 08, 2024 / 04:06 pm

Anurag Animesh

Kota Students

Medical और Engineering की तैयारी के लिए लाखों छात्र कोटा की ओर अपना रुख करते हैं। मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले के लिए होने वाले परीक्षा में हजारों छात्र सफल भी होते हैं। लेकिन अक्सर हमें यह सुनने को मिलता है कि Kota में पढ़ रहे छात्र तनाव(Depression) के शिकार हैं। साथ ही छात्रों के suicide की खबरें भी आती रहती है। आए दिन कोटा के छात्रों के Mental Health के बारे में रिपोर्ट्स आती रहती है, जिसमें उनके मानसिक दवाब के बारे में बताया जाता है। ऐसी ही एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि कोटा में कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे छात्रों के बीच ज्यादा तनाव है। जबकि जो छात्र कोचिंग सेंटर में नहीं हैं, उनपर तुलना में काम दवाब है।
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Depression In Kota Students


कोटा के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ने एक रिसर्च किया है। जिसका केंद्र बिंदु था, कोचिंग और नॉन-कोचिंग छात्रों में चिंता, अवसाद और शैक्षणिक तनाव: एक तुलनात्मक अध्ययन’। इस अध्यन में कोटा के 150 कोचिंग जाने वाले छात्रों को शामिल किया गया था और साथ ही 150 ऐसे छात्रों को शामिल किया गया था, जो कोचिंग नहीं जाते हैं। इस रिसर्च में यह बात सामने आई कि जो छात्र कोचिंग जाते हैं, उनमें कोचिंग नहीं जाने वाले छात्रों की तुलना में अवसाद, चिंता ज्यादा है। उन्हें ऐसा लगता है कि उनके साथ पढ़ने वाले छात्र अधिक तेज और होशियार हैं।
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Kota Students Suicide, Source- Media Reports

Students In Kota Coaching Centres


कोटा के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ने एक रिसर्च किया है। जिसका केंद्र बिंदु था, कोचिंग और नॉन-कोचिंग छात्रों में चिंता, अवसाद और शैक्षणिक तनाव: एक तुलनात्मक अध्ययन’। इस अध्यन में कोटा के 150 कोचिंग जाने वाले छात्रों को शामिल किया गया था और साथ ही 150 ऐसे छात्रों को शामिल किया गया था, जो कोचिंग नहीं जाते हैं। इस रिसर्च में यह बात सामने आई कि जो छात्र कोचिंग जाते हैं, उनमें कोचिंग नहीं जाने वाले छात्रों की तुलना में अवसाद, चिंता ज्यादा है। उन्हें ऐसा लगता है कि उनके साथ पढ़ने वाले छात्र अधिक तेज और होशियार हैं।
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Depression : तनाव को मापा गया


इस रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोचिंग छात्रों में चिंता का स्तर 13.74 (एसडी ± 11.47) है। इसके साथ ही अवसाद 14.25 (एसडी ± 14.09) और पढ़ाई से जुड़ी चिंता 293.91 (एसडी ± 80.87) है। स्टैंडर्ड डिविएशन(Standard Deviation) एक टूल है, जो चिंता के स्तर को बताता है। वहीं कोचिंग नहीं जाने वाले छात्रों की बात करें तो उनमें चिंता के लिहाज से 10.89 (एसडी ± 9.14), अवसाद में 9.13 (एसडी ± 8.46), और पढ़ाई से जुड़े तनाव में 261.32 (एसडी ± 65.35) है।
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Kota Students : मेडिकल छात्र ने इस रिसर्च को पूरा किया


मीडिया रिपोर्ट्स यह रिसर्च गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, कोटा की 2022 बैच की छात्रा खुशी गुप्ता ने किया है। इसमें कई तरह के अलग-अलग सवाल पूछे गए जिनमें यह था कि क्या क्लास में टीचर को प्रभावित करने के लिए मुझे गंभीर दिखने की कोशिश करनी पड़ती है? इसके अलावा क्या मुझे दुख होता है जब पढ़ा हुआ पाठ सही समय पर याद नहीं रहता? साथ ही यह भी सवाल था कि क्या इस बात की चिंता होती है कि कोई और छात्र मुझे बेहतर पढ़ाई कर रहा है, आदि।
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