scriptExplainer: भारतीय स्टूडेंट्स के लिए मुश्किल ही मुश्किल, ऐसे में कैसे पूरा होगा विदेश में पढ़ने का सपना  | Why it is becoming difficult for Indian Student to Study Abroad, know this world students day | Patrika News
शिक्षा

Explainer: भारतीय स्टूडेंट्स के लिए मुश्किल ही मुश्किल, ऐसे में कैसे पूरा होगा विदेश में पढ़ने का सपना 

Study Abroad: छात्रों का सपना होता है कि वे विदेश जाकर पढ़ाई करें। लेकिन आज के समय में उन्हें कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। पत्रिका अखबार में प्रकाशित इस खबर में ऐसी तमाम दिक्कतों का जिक्र है। आइए, एक नजर डालते हैं-

नई दिल्लीOct 16, 2024 / 02:55 pm

Shambhavi Shivani

Study Abroad Problems
Study Abroad: कई सारे भारतीय छात्रों का ये सपना होता है कि वे विदेश जाकर पढ़ाई करें। वर्ष 2022 के 9,07,404 भारतीय विद्यार्थियों की तुलना में वर्ष 2024 में 13.35 लाख से अधिक भारतीय विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इनमें भी चार लाख से ज्यादा भारतीय विद्यार्थी अकेले कनाडा में हैं। लेकिन वीजा नियम बदलने से और नई-नई नीतियों के लागू होने के कारण अब भारतीय छात्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 
हाल में एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल (Viral Video) हुआ था, जिसमें कथित तौर पर बड़ी संख्या में भारतीय विद्यार्थी एक स्थानीय रेस्टोरेंट में वेटर की नौकरी के लिए कतार में लगे हुए थे। दरअसल, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशों में सख्त आव्रजन नीतियों को लागू करने, वीजा नियम बदलने, रहने और पढ़ाई की बढ़ती लागत ने विद्यार्थियों के सामने कई चुनौतियां खड़ी कर दी है। पढ़ाई के तुरंत बाद नौकरी में दाखिला लेने की संभावना भी भारतीय विद्यार्थियों के विदेश जाने के कारणों में से एक है, जिस पर बदली नीतियां पानी फेर रही हैं।
यह भी पढ़ें

 CBSE 75 Percent Attendance Rules 2024: भूल से भी न करें ये गलती, नहीं तो…बोर्ड परीक्षा देना हो जाएगा मुश्किल

कनाडा ने विदेशी छात्रों की संख्या पर लगाई रोक (Indian Students In Canada)

कनाडा ने अगले दो सालों तक अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की संख्या पर लिमिट लगा दी है। अब सिर्फ 3,64,000 स्टडी परमिट अप्रूव किए जाएंगे। पिछले साल 5,60,000 स्टडी परमिट अप्रूव हुए थे। इससे बड़ी संख्या में भारतीयों के डिपोर्ट होने का खतरा बढ़ने का अंदेशा है। स्टडी परमिट के लिए अपने पहले वर्ष के ट्यूशन और यात्रा लागतों को कवर करने के अलावा, अपने बैंक खातों में कनाडाई डॉलर 20,635 (12,60,700 रुपए) भी दिखाने होंगे। वहीं, कोर्स लाइसेंसिंग व्यवस्था के तहत प्रोग्राम में नामांकित विदेशी विद्यार्थी अब पोस्ट- ग्रेजुएट वर्क परमिट के पात्र नहीं होंगे।

ब्रिटेन ने खत्म किया डिपेंडेंट वीजा नियम (Study Abroad)

ब्रिटेन में विदेशी स्टूडेंट के लिए डिपेंडेंट वीजा नियम खत्म करने से अंतरराष्ट्रीय छात्र अपने परिवार के सदस्यों को ब्रिटेन लेकर नहीं ला सकेंगे। हालांकि, पीएचडी या फिर पोस्ट-डॉक्टरोल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को इस नियम से छूट दी गई। वीजा प्रतिबंधों से पढ़ाई पूरी करने से पहले काम शुरू करना भी बंद हो गया।
यह भी पढ़ें

School Holiday 2024: छात्रों के लिए खुशखबरी! दो दिन बंद रहेंगे पंजाब के स्कूल

ऑस्ट्रेलिया ने वीजा शुल्क बढ़ाया (Australia Visa Fees)

विदेशी स्टूडेंट के लिए वीजा शुल्क (Visa Fees) दोगुने से भी अधिक किया। वर्ष 2025 तक विदेशी छात्रों के पंजीकरण को 2,70,000 तक सीमित रखने की भी बात है। सरकार रिकॉर्ड माइग्रेशन पर लगाम लगाना चाहती है, जिससे कथित तौर पर घर के किराए की कीमतों में बढ़ोतरी हो चुकी है।

इंटर्नशिप से लेकर खाना पूर्ति की बाधाएं 

नए नियम के मुताबिक, विदेशी स्टूडेंट अपनी पढ़ाई के दौरान लगातार पांच महीने से ज्यादा देश से बाहर नहीं बिता सकते। इससे विद्यार्थियों के इंटर्नशिप से लेकर छुट्टियों तक के प्लान पर असर पड़ रहा है। एफ, एम और जे छात्र वीजा आवेदकों को प्रोफाइल बनाते समय पासपोर्ट जानकारी का उपयोग करना होगा।

भारतीय छात्रों के लिए टॉप 5 पसंदीदा देश (Best Country For Indian Students)

  • कनाडा: 4,27,000 विद्यार्थी
  • अमरीका: 3,37,630 विद्यार्थी
  • ऑस्ट्रेलिया: 1,22,202 विद्यार्थी
  • जर्मनी: 42,997 विद्यार्थी
  • ब्रिटेन: 18,500 विद्यार्थी

इन विषयों की पढ़ाई के लिए जाते हैं विदेश (Study Abroad)

  • फिजिक्स
  • कंप्यूटर साइंस
  • इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
  • एनवायरनमेंटल साइंस एंड पॉलिसी
  • बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
  • मैनेजमेंट इंफोर्मेशन सिस्टम
  • मास्टर ऑफ लॉ

भारत में कम आ रहे विदेशी छात्र

जहां भारतीय विदेशी विश्वविद्यालयों की ओर आकर्षित हो रहे हैं, वहीं उच्च शिक्षा के लिए भारत आने वाले विदेशी विद्यार्थियों की संख्या में अभी वृद्धि नहीं हुई है। ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (बीओआई) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में उच्च शिक्षा के लिए केवल 40,431 विदेशी विद्यार्थी भारत आए, जबकि इसी अवधि में पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले भारतीय विद्यार्थियों की संख्या 7.65 लाख (अक्टूबर 2023 तक) थी। 2022 में भारत पहुंचने वाले विदेशी विद्यार्थियों की संख्या 31,910 और 2021 में 22,159 थी। 

Hindi News / Education News / Explainer: भारतीय स्टूडेंट्स के लिए मुश्किल ही मुश्किल, ऐसे में कैसे पूरा होगा विदेश में पढ़ने का सपना 

ट्रेंडिंग वीडियो