यूपीएससी क्रैक करने के बाद आईएएस, आईपीएस, आईईएस और आईएफएस अधिकारी के रूप में चयन होता है। हर साल लाखों की तादाद में युवा यूपीएससी की तैयारी में जुटते हैं। लेकिन सफलता हर किसी के हाथ नहीं आती। जितनी कठिन यूपीएससी की परीक्षा होती है, उतनी ही मेहनत इसकी तैयारी में लगती है।
ऑप्शनल सब्जेक्ट्स की भूमिका (Role Of UPSC Optional Subjects)
यूपीएससी की परीक्षा में सफलता दिलाने में ऑप्शनल सब्जेक्ट की बड़ी भूमिका होती है। अभ्यर्थियों को इन सब्जेक्ट्स का चयन बड़ी ही सावधानी से करना चाहिए क्योंकि ये सब्जेक्ट्स 500 मार्क्स के होते हैं, जबकि कुल मार्क्स 2025 होते हैं। ऐसे में ऑप्शनल सब्जेक्ट्स के मार्क्स का असर फाइनल स्कोर पर पड़ता है। यह भी पढ़ें
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कैसे चुनें ऑप्शनल सब्जेक्ट्स (Optional Subjects)
यूपीएससी के कुल 48 उपलब्ध विषयों में से 2 ऑप्शनल विषय चुनना होता है। जानकारों की मानें तो इन सब्जेक्ट को चुनने से पहले मार्क्स की तुलना में अपनी रूचि और बैकग्राउंड को ध्यान में रखें। जो विषय आपको अच्छे से समझ आते हैं उन्हें ही चुनें। यह भी पढ़ें
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स्कोर मेकिंग के लिए परफेक्ट हैं ये ऑप्शनल सब्जेक्ट्स
- मैनेजमेंट
- इकोनोमिक्स
- एग्रीकल्चर
- सिविल इंजीनियरिंग
- मेडिकल साइंस
- एनिमल हसबेंडरी एंड वेटनरी साइंस
- कॉमर्स एंड अकाउंटेंसी
स्कोर मेकिंग के लिए 4 साहित्य बेस्ड सब्जेक्ट्स
- लिटरेचर ऑफ सिंधी (देवनागरी) लैंगवेज
- लिटरेचर ऑफ कन्नड़ लैंगवेज
- लिटरेचर ऑफ मलयालम लैंगवेज
- लिटरेचर ऑफ उर्दू लैंगवेज
स्कोर मेकिंग के लिए चुनें ये सब्जेक्ट्स (2020 के डाटा के अनुसार)
- सोशियोलॉजी
- फिलॉसफी
- जियोग्राफी
- इकोनॉमिक्स
- पॉलिटिकल साइंस एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन
- साइकोलॉजी
नोट: ये लेख एक डाटा से मिले रिजल्ट के आधार पर लिखी गई है। यह लेख किसी बात का दावा नहीं करती। ऑप्शनल सब्जेक्ट्स चुनने से पहले आप एक्सपर्ट और अपने शिक्षकों से बात करें।