NIRF: कैसे दी जाती है रैंकिंग?
शैक्षणिक संस्थानों को रैंकिंग केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से National Institutional Ranking Framework अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से कॉलेज, यूनिवर्सिटी और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों को बांटा जाता है। जिसके बाद सभी को शैक्षणिक संस्थानों इन कैटेगरी में अलग-अलग मानकों पर संस्थानों का मूल्यांकन किया जाता है। जिसके बाद तय मानकों के हिसाब से यह तय किया जाता है कि कौन सा कॉलेज उस कोर्स में बेहतर है।
NIRF Ranking: ऐसे मिलता है टॉप रैंकिंग
देश के कई संस्थानों को अलग-अलग कोर्सों में टॉप रैंकिंग दी जाती है। टॉप रैंकिंग देने का सबसे बड़ा पैमाना पढ़ाई की गुणवत्ता और कॉलेज का इंफ्रास्ट्रक्चर होता है। जो संस्थान जरुरी सभी मानकों पर खड़ा उतरता है, उसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी को टॉप रैंकिंग दी जाती है। हर साल अलग-अलग कैटेगरी में देश के उच्च शिक्षा संस्थानों को स्थान दिया जाता है। साल 2024 में कुल 13 कैटेगरी में शैक्षणिक संस्थानों को रैंक दिया गया था।
Ranking Allotment In India: रैंकिंग की कब हुई थी शुरुआत?
NIRF द्वारा संस्थानों को रैंकिंग देने की शुरुआत साल 2016 में हुई थी। पहले सिर्फ चार कैटेगरी में शैक्षणिक संस्थानों को रैंक दिया जाता था। लेकिन अब यह आंकड़ा 13 तक पहुंच गया था। साल 2016 की बात करें तो इसमें देश भर के 3565 संस्थान ने हिस्सा लिया था। जो आगे चलकर 8 हजार से ज्यादा हो गया।