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इस वजह से हुआ हिंदी में बोलने का विरोध निपुण भारत ( NIPUN Bharat ) कार्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ( NEP 2020 ) के तहत देशभर में लागू होना है। इसलिए कार्यक्रम में गैर-हिंदी भाषी राज्यों के अधिकारी भी शामिल थे। यही वजह है कि जब अधिकारियों ने हिंदी में बोलना शुरू किया तो गैर हिंदी भाषी राज्यों के कुछ प्रतिभागियों ने सरकारी अधिकारियों को अंग्रेजी में बोलने का अनुरोध किया। कुछ प्रतिभागियों ने अधिकारियों से अंग्रेजी में बात करने के लिए लाइव इवेंट के दौरान कम से कम तीन बार रिक्वेस्ट की। देशव्यापी अभियान का मकसद NIPUN Bharat एक राष्ट्रव्यापी नीति है जिसका उद्देश्य युवा कक्षाओं में छात्रों के नींव कौशल को मजबूत करना है। 10वीं एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट ( एएसईआर ) में पाया गया था कि कक्षा 3 में केवल एक-चौथाई छात्र कक्षा 2 के स्तर के पाठ को धाराप्रवाह पढ़ने में सक्षम हैं। कक्षा 5 के आधे से भी कम छात्र ऐसा करने में सक्षम थे। निपुण पहल का मकसद छात्रों में लिखने, पढ़ने और गणितीय क्षमता की बुनियादी कौशल को मजबूत करना है। सार्वभौमिक शिक्षा की दिशा में इसे एक बेहतर कार्यक्रम माना जा रहा है। इससे पहले शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि निपुण भारत कार्यक्रम का मकसद आधारभूत शिक्षा और संख्यात्मक ज्ञान के लिए एक सर्व सुलभ वातावरण मुहैया कराना है ताकि साल 2026-27 के अंत तक कक्षा तीन का प्रत्येक बच्चा रीडिंग, राइटिंग और संख्यात्मक कंटेंट सीखने के लिए आवश्यक प्रतिस्पर्धा हासिल कर सके।
क्या है निपुन निपुण भारत कार्यक्रम समझ और संख्या के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल ( National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy – NIPUN ) का मकसद कक्षा तीन तक के बच्चों में वर्ष 2026-27 के अंत तक बच्चों में लिखने, पढ़ने और अंकगणितीय समझ विकसित करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत निपुण भारत कार्यक्रम को एक अहम अभियान माना जा रहा है। इस कार्यक्रम को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पांच चरणों में देशभर में लागू किया जाएगा। ये पांच चरण हैं- राष्ट्र, राज्य, जिला, ब्लॉक और स्कूल। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस कार्यक्रम को समग्र शिक्षा अभियान के तहत चलाया जाएगा। यह कार्यक्रम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने की दिशा में अपनाए गए प्रयासों में से एक है।
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