शिक्षा

प्रधानपाठक की प्रताड़ना से स्कूल छोड़कर भागे दो बच्चे, 15 किमी दूर ठंड में ठिठुरते मिले

शिक्षक ने बच्चों को इतना प्रताड़ित किया कि भयभीत दो बच्चे स्कूल से भाग गए। विधायक संगीता सिन्हा के प्रतिनिधि की सजगता से स्कूल से 15 किमी दूर ठंड में ठिठुरते हुए पैदल जा रहे बच्चे सुरक्षित मिले।

बालोदJan 06, 2025 / 11:52 pm

Chandra Kishor Deshmukh

शिक्षक ने बच्चों को इतना प्रताड़ित किया कि भयभीत दो बच्चे स्कूल से भाग गए। विधायक संगीता सिन्हा के प्रतिनिधि की सजगता से स्कूल से 15 किमी दूर ठंड में ठिठुरते हुए पैदल जा रहे बच्चे सुरक्षित मिले। मामले में शिक्षा विभाग की भूमिका भी जांच के दायरे में है।

शाम को नाश्ता के समय नहीं मिले बच्चे, तो खोजने निकले

मामला विकासखंड के प्राथमिक शाला जगतरा का है। ग्राम में स्थित आश्रम के कक्षा तीसरी एवं पांचवीं के दो बच्चे 3 जनवरी को आश्रम से स्कूल जाने के बाद लापता हो गए। तीसरी में कुल दो व पांचवीं में कुल 9 बच्चे हैं। बेसुध शिक्षकों को शाम चार बजे तक बच्चों के लापता होने की जानकारी नहीं हुई। शाम को आश्रम में बच्चों को नाश्ता देने के समय दोनों बच्चों के लापता होने की जानकारी हुई। जानकारी पर आश्रम अधीक्षक नीतेश मरकाम व उनकी टीम बच्चों को खोजने निकली।
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बच्चों ने भागवत कथा सुनी और भंडारा में किया भोजन

इधर दोनों बच्चे स्कूल से निकलकर जंगल रास्ते से 15 किमी दूर धानापुरी पहुंच गए। भूखे बच्चों ने ग्राम में चल रही भागवत कथा के भंडारा में दोपहर 2 बजे भोजन किया। भागवत कथा सुनी। वहां से संध्या वे धानापुरी से गुरुर की ओर निकले।

सूचना पर विधायक प्रतिनिधि ने पहुंचाया आश्रम

ठंड भरी शाम में दो बच्चों को जाते देख किसी ने विधायक प्रतिनिधि तुलेश सिन्हा को फोन किया। तुलेश सिन्हा दोनों को लेकर ग्राम धानापुरी पहुंचे। धानापुरी आश्रम अधीक्षक एवं ग्रामीणों की मदद से बच्चों की पहचान की गई।

बच्चे लगातार अपनी पहचान छिपा रहे थे

धानापुरी के ग्रामीणों ने बताया कि बच्चे अपनी पहचान छुपाने का प्रयास कर रहे थे। उन्हें डर था कि वापस उसी स्कूल में पढऩे भेज देंगे। आरंभ में बच्चे सिर्फ रोते रहे, कुछ भी नहीं बता रहे थे। बार-बार पूछने पर भी बच्चे स्वयं को धमतरी का होना बताते रहे। जब धानापुरी अधीक्षक ने बच्चों की पहचान जगतरा आश्रम के बच्चों के रूप में की तब बच्चों ने बताया कि वे मानपुर मोहला के ग्राम कोसमी के हैं। कोसमी के रिश्तेदारों के माध्यम से बच्चों के परिजनों को सूचना दी गई।

जगतरा नहीं धानापुरी आश्रम को सौंपा बच्चों को

3 जनवरी की रात्रि में ही जगतरा अधीक्षक भी बच्चों की तलाश करते धानापुरी आश्रम पहुंच गए थे। वे दोनों दहशत में दिख रहे थे। इसलिए धानापुरी के ग्रामीणों ने बच्चों को जगतरा अधीक्षक को न सौंपकर धानापुरी आश्रम अधीक्षक के सुपुर्दगी में देकर बच्चों को रात्रि में धानापुरी आश्रम में रखा। ग्रामीणों का कहना था कि बच्चों के पालकों के आने के बाद ही पालक तय करेंगे कि बच्चे कहां रहेंगे।

प्रधानपाठक पर लगाया मारपीट का आरोप

4 जनवरी को जब बच्चों के पालक पहुंचे, तब ग्रामीणों की उपस्थिति में बच्चों ने कहा कि उन्हें आश्रम में रहने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन वे जगतरा स्कूल में नहीं पढऩा चाहते। बच्चों ने बताया वहां के प्रधानपाठक गाली देते हैं एवं मारते हैं। 3 जनवरी को भी स्कूल जाने पर प्रधानपाठक ने मारपीट की थी, जिसके बाद वे स्कूल से भाग गए थे। पालक बच्चों को लेकर अपने घर चले गए है।
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बच्चों से आए दिन मारपीट और गाली देने का आरोप

पड़ताल में पता चला कि यह मामला एक दिन का नहीं है, यहां प्रधानपाठक एसएल साहू जब से आए हैं, तब से वे बच्चों के साथ मारपीट करते हैं। गंदी गंदी गाली देते हैं, उन पर बच्चों से यह भी लिखवाने का आरोप है कि बड़ा होकर चरवाहा बनूंगा, बड़ा होकर गधा बनूंगा। मामले की शिकायत छात्रावास अधीक्षक ने 3 दिसंबर 2024 को उच्च कार्यालय को लिखित में दी। लेकिन विभाग ने कोई एक्शन नहीं लिया।

घटना के दिन भी बच्चों को बहुत मारा

बच्चों ने बताया कि शाला के प्रधानपाठक हमेशा मारपीट करते है, गाली देते है, कहीं बताने पर और मारने की धमकी देते है, जिससे कोई किसी को कुछ नहीं बताता। 3 जनवरी को भी दोनों बच्चों को प्रधानपाठक ने बहुत मारा था।

बच्चे ठंड में भयभीत मिले

विधायक प्रतिनिधि तुलेश सिन्हा ने कहा कि मुझे दो बच्चों के ठंड में सड़क में घूमने की जानकारी मिली, तब बच्चों को ग्राम में लाया। उस समय बच्चे बहुत भयभीत थे, कुछ भी नहीं बता रहे थे।

मुझे बीईओ से जानकारी मिली

संकुल प्रभारी प्राचार्य खिलावन कटेन्द्र ने कहा कि मुझे संकुल समन्वयक ने कभी कुछ नहीं बताया। आज ही जब एबीईओ जांच के आने वाले थे, तब बीईओ से मामले की जानकारी हुई।

उच्च अधिकारी के निर्देश पर कर रहा जांच

एबीईओ चंदन ठाकुर ने कहा कि उच्च अधिकारी के निर्देश पर जांच करने आया हूं। जो भी पाया जाएगा, प्रतिवेदन उच्च कार्यालय को सौप देंगे।

नाश्ता देने के दौरान गायब होने का पता चला

छात्रावास अधीक्षक नीतेश मरकाम ने कहा कि 3 जनवरी को शाम 4 बजे बच्चों को नाश्ता दिया जा रहा था, तब दो बच्चे अनुपस्थित दिखे। पता चला कि वे स्कूल जाने के बाद अचानक कहीं चले गए हैं, लेकिन शिक्षकों ने कोई जानकारी नहीं दी। बच्चों को खोजने निकले थे, बच्चे धानापुरी में मिले।

बच्चे काफी डरे हुए थे, पालकों के पहुंचने पर चर्चा की

धानापुरी आश्रम अधीक्षक हरीश कुमार सलाम ने कहा कि विधायक प्रतिनिधि तुलेश सिन्हा व ग्रामीणों ने बुलाकर बच्चों की पहचान करने कहा था। दोनों बच्चे जगतरा आश्रम के हैं और डरे हुए थे। बच्चों की स्थिति को देखते हुए एवं ग्रामीणों के आग्रह पर रात्रि में धानापुरी आश्रम में ही रखा था। सुबह जब बच्चों के पालक पहुंचे, तब बच्चों से चर्चा की गई। बच्चों ने कहा कि उन्हें आश्रम में रहने में परेशानी नहीं है, लेकिन वे जगतरा स्कूल में नहीं पढ़ना चाहते।

मुझ पर लगे सभी आरोप झूठे व बेबुनियाद

प्रधान पाठक एसएल साहू ने कहा कि मुझ पर लगे सभी आरोप झूठे एवं बेबुनियाद हैं। छात्रावास अधीक्षक मुझ पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। अधीक्षक मेरा फोन नहीं उठाते एवं सहयोग नहीं करते। बच्चे को पत्र नहीं लिखवाया हूं।

डीईओ को सौपेंगे जांच रिपोर्ट

विकासखंड शिक्षा अधिकारी ललित चंद्राकर ने बताया कि हमने जांच टीम भेजी। टीम ने बच्चों से पूछताछ की, लेकिन पीडि़त बच्चों से बात नहीं हुई। वे अपने माता पिता के घर थे। जांच रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपी जाएगी।

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