scriptजितनी महंगी पढ़ाई, उतना ही कम वेतन, भारत में Trainee Doctor की शुरुआती कमाई जानकर उड़ जाएंगे होश  | Trainee Doctor Stipend In india, what NMC says, some MBBS doctors are working on 14000 per month | Patrika News
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जितनी महंगी पढ़ाई, उतना ही कम वेतन, भारत में Trainee Doctor की शुरुआती कमाई जानकर उड़ जाएंगे होश 

Trainee Doctor Stipend: MBBS कोर्स के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन ट्रेनिंग के दौरान ट्रेनी डॉक्टरों को काफी कम फीस मिलती है। क्या आप जानते हैं कि एक ट्रेनी डॉक्टर की सैलरी क्या होती है? 

नई दिल्लीAug 18, 2024 / 08:23 am

Shambhavi Shivani

Trainee Doctor
Trainee Doctor Stipend: इस देश में उच्च शिक्षा हासिल करने वाले अधिकांश: युवक और युवतियां या तो डॉक्टर बनना चाहते हैं या फिर इंजीनियर। मेडिकल की बात करें तो इसे हमारे देश में बहुत प्रतिष्ठित करियर माना जाता है। हालांकि, MBBS कोर्स के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन ट्रेनिंग के दौरान ट्रेनी डॉक्टरों को काफी कम फीस मिलती है। क्या आप जानते हैं कि एक ट्रेनी डॉक्टर की सैलरी क्या होती है? 

इतने कम पैसे में करना होता है गुजारा


इस बात पर यकीन करना मुश्किल है, लेकिन ये सच है कि कई राज्यों में ट्रेनी डॉक्टरों को शुरुआती सैलरी दिहाड़ी मजदूरों से भी कम मिलती है। नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) द्वारा दी गई एक जानकारी के अनुसार, MBBS में पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद स्पेशलिस्ट की ट्रेनिंग ले रहे कैंडिडेट्स की सैलरी कई जगहों पर 14 रुपये हजार प्रति महीने होती है। हालांकि, रेजिडेंट डॉक्टरों की सैलरी को लेकर NMC का कहना है कि ये इस बात पर निर्भर करता है कैंडिडेट्स किस कॉलेज में सीट पाने में सफल होते हैं। 
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क्या-क्या अलग अलग जगहों पर सैलरी में फर्क है 

रेजिडेंट डॉक्टर मेडिकल जगत में अहम भूमिका निभाते हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों की सैलरी विभिन्न राज्यों में अलग अलग होती है। कई बार एक ही राज्य के मेडिकल व प्राइवेट कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों की सैलरी में फर्क दिखता है। कई निजी कॉलेजों में स्पेशिलिटी के आधार पर स्टाइपेंड की राशि भी अलग-अलग होती है।

किन राज्यों में मिलता है सबसे कम स्टाइपेंड? (MBBS Stipend)

केंद्र सरकार की तरफ से संचालित संस्थानों के अलावा, सबसे अधिक स्टाइपेंड पूरे भारत में ईएसआई मेडिकल कॉलेजों में दिया जाता है। यहां एवरेज स्टाइपेंड लगभग 1.2 लाख रुपये प्रति महीना है। यहां तक कि विभिन्न राज्यों में सरकारी कॉलेजों में भी स्टाइपेंड राशि में बहुत अधिक अंतर है। देश में जो चार मेडिकल कॉलेज सबसे कम स्टाइपेंड का भुगतान करते हैं, उनमें-
  • यूपी – मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज- 14 हजार/माह
  • बेंगलुरु- ईस्ट पॉइंट कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर- 15,000 रुपये/माह
  • पंजाब – आदेश इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च- 15,600 रुपये/माह)
  • लखनऊ- प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (18000 रुपये/माह शामिल हैं 

फीस तो महंगी लेकिन स्टाइपेंड कम (Trainee Doctor Stipend)

यूपी रेजिडेंट डॉक्टरों को देश में दूसरा सबसे अधिक 97,000 रुपये प्रतिमाह का स्टाइपेंड देता है। हालांकि, मेयो मेडिकल कॉलेज यूपी में कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी से सिर्फ 2,000 रुपये अधिक का भुगतान करता है। वहीं बात करें फीस की तो कॉलेज विशेषता के आधार पर तीन साल के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए लगभग 50 लाख या उससे अधिक शुल्क लेता है। बठिंडा में आदेश मेडिकल कॉलेज भी लगभग इसी आसपास फीस लेता है। 

स्टाइपेंड संबंधित निर्देशों का पालन नहीं करने वालों पर लगेगा जुर्माना

MCI ने पोस्ट ग्रेजुएशन मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन 2000 (जुलाई 2013 तक संशोधित) में निर्धारित किया कि पीजी छात्रों को ‘राज्य या केंद्र सरकार के स्नातकोत्तर छात्रों को दिए जा रहे वजीफे’ के बराबर भुगतान किया जाएगा। NMC ने भी 21 अक्टूबर को पीजीएमई रेगुलेशन के अपने मसौदे में इस बात पर जोर दिया कि सभी संस्थानों फिर चाहे वो राज्य या केंद्र सरकार के अधीन आते हों, एक समान भुगतान करेंगे। साथ ही कहा कि इसका पालन नहीं करने वाले संस्थान पर दंड स्वरूप जुर्माना भफी लगाया जाएगा।

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