क्या है ये मास्टर सोमेलिअर? (Toughest Exam)
दरअसल, मास्टर सोमेलिअर परीक्षा पास करने वाले वाइन एक्सपर्ट होते हैं। इनकी पूरी दुनिया में काफी डिमांड है। वाइन इंडस्ट्री ऐसे वाइन एक्सपर्ट को मुंहमांगी कीमत देने के लिए तैयार रहती है। वर्ष 1969 में पहली बार मास्टर मास्टर सोमेलिअर परीक्षा का आयोजन किया गया था। बता दें, मास्टर सोमेलिअर बनने वाले की वाइन इंडस्ट्री में काफी पूछ होती है और उन्हें अच्छी सैलरी मिलती है। कई लोगों की सैलरी डेढ़ करोड़ तक होती है। यह भी पढ़ें
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क्यों कराई गई ये परीक्षा
मास्टर सोमेलिअर परीक्षा कराने के पीछे उद्देश्य था उम्दा शराब की पहचान करना। विदेश में शराब के एक से एक शौकीन हैं। ऐसे में मास्टर सोमेलिअर शराब की पहचान करते हैं। इस परीक्षा को पास करने वालों को इसकी भी ट्रेनिंग दी जाती है कि वाइन के साथ खाने की कौन कौन सी चीजें दी जाएं जिससे नशा तो बढ़े लेकिन सेहत को कोई नुकसान न हो। यह भी पढ़ें
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कौन बन सकता है मास्टर सोमेलिअर (Master Sommelier Diploma Exam)
मास्टर सोमेलिअर बनने का काम जितना मजेदार लग रहा है, उतनी ही टफ (Toughest Exam) होती है ये परीक्षा। मास्टर सोमेलिअर परीक्षा के चार लेवल होते हैं – इंट्रोडक्टरी, सर्टिफाइड, एडवांस्ड और मास्टर सोमेलिअर। इसमें सबसे पहला लेवल होता है इंट्रोडक्टरी। इस लेवल में पहले दो दिन पढ़ाई कराई जाती है फिर परीक्षा ली जाती है। कैंडिडेट्स से सेब अंगूर की किस्म से लेकर शराब बनाने की प्रक्रिया के बारे में सवाल पूछे जाते हैं। इसके अलावा शराब और खाने की पेयरिंग के बारे में भी सवाल होते हैं। इस परीक्षा के इंट्रोडक्टरी लेवल में केवल 8% लोग ही पास हो पाते हैं। यदि आपके पास होटल इंडस्ट्री का अनुभव है तो आप भी इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। यह भी पढ़ें- अब नहीं लटकेगी सिर पर खतरे की तलवार! चुनें ये 10 Career Courses और रहें बेफ्रिक, AI आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी