न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की पीठ ने याची मोहम्मद रिजवान सहित कई शिक्षामित्रों की ओर से दायर याचिकाओं पर बुधवार को यह आदेश दिया। याचिका दायर कर सरकार द्वारा सहायक शिक्षकों की भर्ती में पैसठ और साठ प्रतिशत पासिंग अंक किए जाने के शासनादेश को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया कि यह शासनादेश शिक्षामित्रों के हितों के खिलाफ है । याचिका का कड़ा विरोध कर राज्य सरकार की ओर से कहा कि शिक्षा को उन्नत करने और शिक्षा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जारी शासनादेश सही है।
सरकार ने अपने जवाब में आगे कहा कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों को दो अवसर दिए जाने के आदेश दिए हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि बच्चो को मिलने वाली शिक्षा से खिलवाड़ हो। गौरतलब है कि गत एक दिसम्बर को 69 हजार शिक्षको की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसके लिए छह जनवरी को लिखित परीक्षा आयोजित की गई । गत 7 जनवरी को सरकार ने क्वालीफाईंग नम्बरो में बढ़ोत्तरी की। इस आदेश को चुनौती दी गई है। इस मामले में सुनवाई जारी है जो 31 जनवरी को भी होगी।