चंद्रमोहन रेड्डी ने कहा कि यह सरकार के लिए अहंकारपूर्ण व्यवहार करने का समय नहीं था क्योंकि इन परीक्षाओं में 16 लाख विद्यार्थियों के जीवन को गंभीर खतरा है। इसके अलावा, हजारों शिक्षक, गैर-शिक्षण कर्मचारी और लाखों अभिभावक भी इस महामारी की चपेट में आ सकते हैं। यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, टीडीपी नेता और मंत्री अदिमलापु सुरेश से कहा कि एक शिक्षित व्यक्ति होने के नाते, उन्हें राज्य और पूरे देश में व्याप्त गंभीर स्थिति का आंकलन करना चाहिए।
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परीक्षा आयोजन के पक्ष में नहीं है विद्यार्थी
पूर्व मंत्री का कहना है कि परीक्षा के मुद्दे पर सभी से सहमति प्राप्त करनी चाहिए। क्योंकि 95 प्रतिशत विद्यार्थी परीक्षा आयोजन नहीं करवाने के पक्ष में अपनी राय देंगे। कोई भी विद्यार्थी और अभिभावक ऐसे समय में परीक्षा केंद्रों तक आने के लिए तैयार नहीं हैं। टीडीपी नेता ने सरकार को उदाहरण के तौर पर याद दिलाया कि तेलंगाना, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, दिल्ली और अन्य राज्य बोर्ड भी 10 वीं की परीक्षाओं को रद्द कर चुके है। कुछ अन्य राज्यों ने परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। “सीबीएसई और आईसीएसई ने भी परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। यहां तक कि जेईई और नीट पीजी परीक्षा को भी स्थगित कर दिया है।
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Web Title: TDP demands govt to postpone class 10th and intermediate examinations