सीबीएसई के फैसले को बदलने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार सुप्रीम कोर्ट (
Supreme Court ) की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कक्षा 12 की परीक्षा रद्द करने के बोर्ड के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया। जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं को रद्द करने के सीबीएसई के फैसले की समीक्षा करने का कोई सवाल ही नहीं है। इसमें आगे कहा गया है कि स्थिति अनुकूल होने पर छात्रों को बाद में परीक्षा में बैठने का प्रावधान है।
मूल्यांकन क्राइटेरिया के मुद्दे पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड को तीन चीजें नीचे सुनिश्चित करन को कहा है। शीर्ष अदालत ने सीबीएसई (
CBSE ) से विवाद समाधान समिति के लिए प्रावधान बनाने को कहा है। समिति का उद्देश्य छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों के बारे में उनकी शिकायतों का समाधान करना होना चाहिए। बोर्ड को परिणामों की घोषणा के लिए एक निश्चित समयसीमा घोषित करनी चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि छात्रों को अनिश्चितता के साथ परिणाम का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सीबीएसई को उस तारीख के बारे में भी बताना होगा जिसके द्वारा वैकल्पिक परीक्षा आयोजित की जाएगी।
तय समय में जारी हो रिजल्ट सुप्रीम कोर्ट ने इन तीनों बातों के निर्धारण में और देरी नहीं की जा सकती क्योंकि बड़ी संख्या में छात्र उच्च शिक्षा के लिए भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ऐसे छात्रों के पास समय बहुत कम है। इससे पहले SC ने वैकल्पिक मूल्यांकन मानदंड (
Evaluation Formula ) को अंतिम रूप देने के लिए CBSE और ICSE को दो सप्ताह का समय दिया था। आज सीबीएसई द्वारा प्रस्तुत 30:30:40 मूल्यांकन मानदंड को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
Web Title: supreme court gives nod to CBSE Class 12 evaluation formula said ensure 3 things