घर को सपोर्ट करने के लिए बदली कई सारी नौकरी (Success Story)
परमिता पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं। उन्होंने वर्ष 2012 में फिजिक्स से बीएसससी की डिग्री हासिल की। बीएससी का कोर्स पूरा करने के तुरंत बाद ही उन्होंने अपने परिवार को सपोर्ट करने के लिए एक बीपीओ में नौकरी करना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपना कॉर्पोरेट करियर शुरू किया, जहां उनकी पहली जॉब टीसीएस में लगी। इसके बाद उन्होंने बैंक ऑफ इंडिया ज्वॉइन किया। 2020 में उन्हें उप प्रभागीय सूचना एवं सांस्कृतिक अधिकारी (SDISO) की सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri Success Story) मिली। TCS में नौकरी के साथ शुरू की यूपीएससी की तैयारी
टीसीएस की कठिन नौकरी के साथ ही परमिता ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। ये बात वर्ष 2018 की है। पढ़ाई के लिए बहुत कम वक्त मिलता था। ऐसे में अपने पहले प्रयास में वो असफल रहीं। इस हार का परमिता पर गहरा असर पड़ा। उन्हें सरकारी नौकरी पास करने की अपनी क्षमता पर संदेह होने लगा। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और सिविल सेवा के अलावा भी कई सारे सरकारी परीक्षा में बैठती रहीं।
30 साल की उम्र में कर दिखाया ये कमाल (Success Story)
परमिता की तैयारी चूंकि अच्छी थी इसलिए उन्हें अन्य सरकारी नौकरी में सफलता मिलती गई। इस तरह उनका चयन उप प्रभागीय सूचना एवं सांस्कृतिक अधिकारी के रूप में हुआ। परिमता ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि उन्होंने 30 साल की उम्र में एलआईसी, बैंक पीओ, रेलवे और पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग की विभिन्न भर्ती परीक्षाएं दी। इस तरह उनका आत्मविश्ववास भी बढ़ा। वहीं वर्ष 2022 में उन्होंने यूपीएससी की प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा भी पास कर ली, जिसके बाद 2023 में इंटरव्यू राउंड क्लियर किया।
मॉक टेस्ट और प्रश्न पत्रों ने बदला सारा खेल (Success Story Of Parmita Malakar)
अपनी तैयारी के बार में बताते हुए परमिता ने कहा कि उनके पास समय की काफी कमी थी। बार बार नौकरियां बदलने से समय सीमित था और स्ट्रक्चर्ड अप्रोच नहीं लगा पा रही थीं। यही कारण था कि वे बार-बार चूंक रही थीं। उन्होंने 2022 की परीक्षा से पहले पुराने प्रश्न को हल किया था, ये तरीका काम आया और परमिता इस बार सफल रहीं। यूपीएससी की मुख्य परीक्षा के लिए परमिता ने सेल्फ स्टडी का रास्ता चुना। लेकिन उन्हें कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने यूपीएससी सीएसई की मुख्य परीक्षा 2023 के लिए कोलकाता के एक कोचिंग संस्थान में दाखिला ले लिया। साथ ही उन्होंने प्रत्येक सप्ताह मॉक टेस्ट भी दिए। परमिता बताती हैं कि उन्होंने करीब 28 मॉक टेस्ट दिए, जिसने सारा खेल बदल दिया और उन्होंने 2023 एआईआर 812वीं रैंक हासिल की।