पाकिस्तान से आया था परिवार
गिरिशा का परिवार 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान भारत आया था। उनके दादा पटवारी के रूप में रिटायर हुए थे। हालांकि, इससे पहले परिवार का पेट पालने के लिए उन्होंने रिक्शा चलाने से लेकर, आइसक्रीम बेचने और मजदूरी तक किया था। गिरिशा के माता-पिता दोनों बैंक में काम करते थे। गिरिशा शुरुआत में पत्रकार बनना चाहती थीं, लेकिन परिवार वालों ने उनके इस फैसले को सपोर्ट नहीं किया। यह भी पढ़ें
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नौकरी छोड़कर शुरू की तैयारी (Success Story Of IRS)
गिरिशा (IRS Girisha Chaudhary) की शुरुआती पढ़ाई करनाल से हुई। इसके बाद उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की। डिग्री हासिल करने के बाद उन्हें EY में अच्छी सैलरी वाली नौकरी मिल गई। हालांकि, अच्छी सैलरी और लाइफस्टाइल होने के बाद भी वे जीवन में कुछ तलाश रही थीं। उनकी यह तलाश यूपीएससी पर जाकर खत्म हुई। अपने काम से असंतुष्ट गिरिशा ने काफी सोच विचार करने के बाद यूपीएससी परीक्षा में बैठने का मन बनाया। इस बार भी उनके इस फैसले की आलोचना की गई। लेकिन गिरिशा ने किसी की परवाह किए बिना तैयारी शुरू कर दी। यह भी पढ़ें
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परीक्षा से पहले आया पैनिक अटैक
गिरिशा ने अपना पहला अटेंप्ट वर्ष 2018 में दिया। लेकिन इस बार वे प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं। 2019 में भी असफल रहीं। दो प्रयास में असफल होकर वे काफी डर गई थीं। तीसरे प्रयास में भी असफलता हाथ लगी। वर्ष 2021 में सब भूलकर उन्होंने फिर से खुद को यूपीएससी सीएसई परीक्षा के लिए तैयार किया। लेकिन इस बार प्रीलिम्स परीक्षा से एक रात पहले उन्हें पैनिक अटैक आया। नतीजा इस बार भी नाकामयाबी हाथ लगी।इस रैंक के साथ पाई सफलता (Success Story)
वर्ष 2022 में गिरिशा का पांचवा प्रयास था। इस बार उन्होंने हरियाणा लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी और अपने पहले अटेंप्ट में ही मुख्य परीक्षा पास कर ली। वहीं इस साल उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के तीन चरणों प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू में भी सफलता हासिल कर ली। गिरिशा चौधरी ने वर्ष 2023 में यूपीएससी परीक्षा 263वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लियर किया।