कोर्ट ने क्या कहा (Supreme Court Decision On Atul Kumar Case)
कोर्ट ने अतुल कुमार के मामले की सुनवाई करते हुए कहा, “हम इतने प्रतिभाशाली युवा लड़के को जाने नहीं दे सकते। उन्हें अधर में नहीं छोड़ा जा सकता।” बता दें, मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अतुल कुमार के हक में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अतुल को आवंटित सीट और कॉलेज के अनुसार दाखिला दिया जाए। उसे समायोजित करने के लिए एक अतिरिक्त सीट बनाई जाए ताकि किसी अन्य छात्र के प्रवेश में बाधा न आए। यह भी पढ़ें
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कौन हैं अतुल कुमार? (Kon Hai UP Boy Atul Kumar)
अतुल कुमार उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। उनके पिता राजेंद्र कुमार एक दिहाड़ी मजदूर हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है फिर भी राजेंद्र कुमार ने बेटे को पढ़ाने का निर्णय लिया। बेटे ने भी पिता की मेहनत का फल दिया और जेईई परीक्षा क्रैक कर ली। अतुल कुमार की जेईई की परीक्षा में 1455वीं रैंक आई थी। इसके आधार पर आईआईटी धनबाद (IIT Dhanbad) में प्रवेश लेना था। अतुल इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का कोर्स करना चाह रहे थे। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ, जिससे उनका ये सपना टूट गया। दरअसल, 24 जून 2024 को की शाम पांच बजे अतुल को आवेदन शुल्क जमा करना था। लेकिन परिवार 17500 रुपये नहीं जुटा सका। वेबसाइट बंद हो गई और प्रवेश नहीं मिला। हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अतुल और उनके परिवार का ये सपना पूरा होने जा रहा है। यह भी पढ़ें- SSC CGL Answer Key 2024: एसएससी ने जारी किया आंसर-की