पिता ने ठेले पर अंडा बेचकर बेटे को पढ़ाया (BPSC Success Story Adarsh Kumar)
औरंगाबाद के आदर्श कुमार ने अति पिछड़ा वर्ग (EBC) कैटेगरी में 12वीं मेरिट हासिल की है। आदर्श कुमार के पिता विजय साव ठेले पर अंडा बेचा करते हैं। उन्होंने रात दिन एक करके बेटे को पढ़ाया। विजय साव अंडा बेचकर अपने सात सदस्यीय परिवार का पालन पोषण किया करते हैं। इसी से समझा जा सकता है कि आदर्श कुमार और विजय साव के लिए सफलता की ये कहानी रचना कितना कठिन रहा होगा। एक तरफ वो पिता है जिसके ऊपर जिम्मेदारी का बोझ और दूसरी ओर एक बेटा है जो अपने पिता के त्याग का ऋणी है। यह भी पढ़ें
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सफलता का क्रेडिट दिया माता-पिता को
आदर्श कुमार (Adarsh Kumar Success Story) ने मीडिया में दिए इंटरव्यू में कहा कि उनके पिता उनके लिए भगवान हैं। उनके माता-पिता ने सेल्फ हेल्फ ग्रुप से कर्ज लिया लेकिन कभी बच्चों को इसकी भनक नहीं लगने दी। आदर्श कुमार ने कहा कि वे आज जो कुछ भी हैं सिर्फ और सिर्फ अपने पिता के त्याग और बलिदान के कारण हैं। अपने माता-पिता की मेहनत देखकर ही उन्हें भी मेहनत करने की इच्छा जगी।