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फीस भरने से लेकर सपना पूरा करने तक….इन 4 दोस्तों ने एक साथ किया ये बड़ा काम, जानिए इनकी कहानी 

Success Story Of 4 Friends: अहमदाबाद के एक पीजी फ्लैट के रहने वाले 4 दोस्तों ने एक साथ कैट 2024 परीक्षा क्रैक किया। उन्होंने 100 परसेंटाइल का सपना देखा था।

नई दिल्लीDec 23, 2024 / 09:38 am

Shambhavi Shivani

Success Story of 4 Friends: सपने सच होते हैं, अगर उसके लिए जी-तोड़ मेहनत की जाए। साथ ही सपने तब भी सच होते हैं जब आपके पास एक अच्छी कंपनी और कुछ अच्छे दोस्त हों। ये बात उन 4 दोस्तों पर फिट बैठती है, जिन्होंने एक ही पीजी फ्लैट से 100 प्रतिशत के साथ CAT 2024 की परीक्षा क्रैक करने का सपना देखा था। इन 4 दोस्तों के नाम हैं, ओम पोतदार (99.8%), सोहम शुक्ला (99.39%), केविन थॉमस (98.14%) और अथांग कुलकर्णी (97.03%)। ये सभी दोस्त अब टॉप आईआईएम (Top IIM) में दाखिला लेंगे। ये सभी अहमदाबाद में रहते थे।
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प्रवेश परीक्षा के दौरान हुई पहली मुलाकात (Success Story of 4 Friends)

इन दोस्तों की मुलाकात आईआईएम इंदौर के पांच वर्षीय एकीकृत कार्यक्रम के लिए प्रवेश परीक्षा आईपीएमएटी के माध्यम से हुई। यहां से उन्होंने निरमा विश्वविद्यालय के बीबीए कार्यक्रम मे दाखिला लिया। साथ ही एक साथ कमरा लेकर पढ़ने के लिए एक तय योजना बनाई, जिसमें ग्रुप डिस्कसन और इंटरव्यू आदि शामिल था। 
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जब दो दोस्तों के पास नहीं थे फीस के पैसे तो अन्य दो ने की चुपचाप मदद

20 वर्षीय सोहम नासिक के रहने वाले हैं। उनके पिता आयकर अधिकारी और मां डॉक्टर हैं। सोहम ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने IIT JEE परीक्षा क्रैक कर ली थी लेकिन 90वें परसेंटाइल आने के कारण वे अपनी पसंद के पाठ्यक्रम या कॉलेज में जगह नहीं बना पाए। ऐसे में उन्होंने प्रबंधन अनुशासन पर ध्यान केंद्रित किया। 
वहीं ओम पोतदार के पिता कोलकाता में एक ट्यूशन टीचर हैं। वे कहते हैं कि वे सारी दोस्त अक्सर अपने लक्ष्य को याद रखने के लिए IIM Ahmedabad से गुजरते थे। ओम जब बीबीए कर रहे थे तो उन्हें इसके लिए स्कॉलरशिप मिली थी। केविन थॉमस भोपाल के रहने वाले हैं। केविन बताते हैं कि जब वे कक्षा छठी में थे तो उन्होंने अपने पिता को खो दिया था और उनके लिए यहां तक पहुंचना काफी कठिन रहा। अथांग कुलकर्णी के माता-पिता कानूनी पेशे में हैं। वे कहते हैं केवल वे मानते हैं कि वे सबसे अच्छी कंपनी में हैं। जब इन दोस्तों के ग्रुप में दो को आर्थिक मदद की जरूरत थी तब अन्य दो सक्षम दोस्तों ने चुपचाप बिना बताए परीक्षा शुल्क का भुगतान कर दिया। 
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