scriptपढ़ाई तो शुरू हो गई पर सरकारी विद्यालयों में पढ़ाएगा कौन | Patrika News
शिक्षा

पढ़ाई तो शुरू हो गई पर सरकारी विद्यालयों में पढ़ाएगा कौन

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए ​शिक्षक नहीं है। विषय विशेषज्ञ ​​​शिक्षकों की सबसे ज्यादा कमी है और तृतीय श्रेणी ​शिक्षक भी कम है। हालात इतने बदहाल है कि इन स्कूलों का निरीक्षण करने वाले अधिकारी तक विभाग के पास नहीं है। जुलाई महीने के रिक्त पदों की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के शिक्षा विभाग में कुल स्वीकृत 3 लाख 70 हजार पदों में से करीब सवा लाख पद खाली है।

बाड़मेरJul 22, 2024 / 12:16 am

Dilip dave

राज्य के सरकारी स्कूल में विभिन्न संवर्गो के 1.25 लाख पद खाली

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए ​शिक्षक नहीं है। विषय विशेषज्ञ ​​​शिक्षकों की सबसे ज्यादा कमी है और तृतीय श्रेणी ​शिक्षक भी कम है। हालात इतने बदहाल है कि इन स्कूलों का निरीक्षण करने वाले अधिकारी तक विभाग के पास नहीं है। जुलाई महीने के रिक्त पदों की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के शिक्षा विभाग में कुल स्वीकृत 3 लाख 70 हजार पदों में से करीब सवा लाख पद खाली है।
शिक्षा विभाग में कुल 35 तरह के पद है। इनमें एक भी ऐसा पद नहीं है, जिसमें कोई सीट रिक्त नहीं हो। स्कूलों में पढ़ाने के लिए ​शिक्षक की आवश्यकता रहती है लेकिन उनकी ही सबसे ज्यादा कमी है। विभाग में इस समय वरिष्ठ ​शिक्षकों के 25 हजार 396 पद खाली है। राज्य में इस समय 91 हजार 54 पद वरिष्ठ ​शिक्षकों के हैं लेकिन इनमें 65 हजार 658 पद पर ही ​वरिष्ठ अध्यापक काम कर रहे हैं। ये वरिष्ठ ​शिक्षक ही स्कूल में अलग-अलग विषय की पढ़ाई करवाते हैं। हिन्दी, इंग्लिश, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित के पद रिक्त होने से अधिकांश स्कूलों में इन विषयों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। इसके अलावा 23 हजार 280 पद सामान्य अध्यापक के रिक्त है। सामान्य अध्यापक के एक लाख तीन हजार 61 पद है। जिसमें 79 हजार 781 पद पर अध्यापक काम कर रहे हैं, जबकि शेष पद खाली है। प्रति वर्ष होने वाली विभागीय पदोन्नतियों में वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता वर्ग की डीपीसी पिछले 4 सत्र से बकाया चल रही है। डीपीसी वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 इन सत्रों की डीपीसी बकाया चल रही है।

प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल ही नहीं

राज्य के सात हजार स्कूल ऐसे हैं, जिसके बेहतर संचालन के लिए प्रिंसिपल तक नहीं है। प्रिंसिपल के सात हजार 90 पद खाली है। इसके साथ ही वाइस प्रिंसिपल के 12 हजार पद एक जुलाई को खाली थे। हाल ही में पदोन्नति के बाद वॉइस प्रिंसिपल के 4700 पद भरे गए हैं, लेकिन इसके बाद भी बड़ी संख्या में पद रिक्त है। दूसरी तरफ वॉइस प्रिंसिपल के जो 4700 पद भरे गए है, तो उतने ही 4700 व्याख्याता के रिक्त पदों में बढ़ोतरी हो गई है।

सीनियर सैकंडरी स्कूल में लेक्चरर नहीं

राज्य के सीनियर सैकंडरी स्कूलों में आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस के लेक्चरर नहीं है। वर्तमान में लेक्चरर के 55 हजार 17 पद स्वीकृत है लेकिन इनमें 42 हजार 171 पद पर ही लेक्चरर काम कर रहे हैं। ऐसे में 12 हजार पद खाली है

पदरिक्तता की समस्या का समाधान करे सरकार

“विद्यालयो में शिक्षकों के रिक्त पदों की भरमार है । जिसके कारण पढ़ने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। सरकार को 4 सत्र से बकाया चल रही व्याख्याता डीपीसी अतिशीघ्र करनी चाहिए। क्रमोन्नत 6 हजार स्कूलों में व्याख्याता पदों की स्वीकृति जारी की जाकर सीधी भर्ती व पदोन्नति से भरे जाने चाहिए। ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारू हो सके। – बसन्त कुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा

Hindi News/ Education News / पढ़ाई तो शुरू हो गई पर सरकारी विद्यालयों में पढ़ाएगा कौन

ट्रेंडिंग वीडियो