Sitaram Yechury Education
बारहवीं की परीक्षा में ऑल इंडिया किया था टॉप
Sitaram Yechury मूलतः चेन्नई के रहने वाले थे। Yechury का जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में हुआ था। जन्म जरूर चेन्नई में हुआ था लेकिन उनका बचपन हैदराबाद में बीता था। उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई हैदराबाद के ऑल सेंट्स हाई स्कूल की थी। इसी स्कूल से उन्होंने दसवीं की परीक्षा भी पास की। दसवीं के बाद 1969 में तेलंगाना आंदोलन के दौरान वह दिल्ली आ गए। दिल्ली में ही येचुरी ने प्रेसिडेंट एस्टेट स्कूल में दाखिला ले लिया और सीबीएसई बोर्ड से बारहवीं की परीक्षा दी। इस परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया टॉप किया था। Sitaram Yechury शुरू से हुई मेधावी स छात्र रहे थें।
सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पूरा किया ग्रेजुएशन
बारहवीं में टॉप करने के बाद सीताराम येचुरी ने दिल्ली ग्रेजुएशन के लिए सेंट स्टीफेंस कॉलेज में एडमिशन ले लिया। अपने ग्रेजुएशन में उन्होंने इकोनॉमिक्स में बीए (ऑनर्स) किया। अपने ग्रेजुएशन के वार्षिक परीक्षा में भी येचुरी ने पहला स्थान हासिल किया था। अपनी ग्रेजुएशन पूरी करनेके बाद Sitaram Yechury ने पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में एडमिशन में ले लिया। यहां से उन्होंने इकोनॉमिक्स में ही एमए की डिग्री हासिल की।
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में शोध के लिए बहुत अच्छा माहौल है। कई छात्रों का सपना जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से शोध करना होता है। Sitaram Yechury का भी मन था कि वो अपनी मास्टर्स पूरी करने के बाद पीएचडी करें। उन्होंने पीएचडी में एडमिशन ले भी लिया था। लेकिन साल 1975 में आपातकाल के दौरान उनकी गिरफ्तारी हो गई। चूकि येचुरी राजनीति में अभूत सक्रिय थे और इंदिरा गांधी के खिलाफ जमकर बोलते थे। इसलिए Emergency में उनकी भी गिरफ्तारी हो गई। जिस कारण उनकी पीएचडी अधूरी रह गई और उनकर नाम के आगे “डॉक्टर” भी नहीं लग पाया।
टूट गया था ‘डॉक्टर’ बनने का सपना
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में शोध के लिए बहुत अच्छा माहौल है। कई छात्रों का सपना जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से शोध करना होता है। Sitaram Yechury का भी मन था कि वो अपनी मास्टर्स पूरी करने के बाद पीएचडी करें। उन्होंने पीएचडी में एडमिशन ले भी लिया था। लेकिन साल 1975 में आपातकाल के दौरान उनकी गिरफ्तारी हो गई। चूकि येचुरी राजनीति में अभूत सक्रिय थे और इंदिरा गांधी के खिलाफ जमकर बोलते थे। इसलिए Emergency में उनकी भी गिरफ्तारी हो गई। जिस कारण उनकी पीएचडी अधूरी रह गई और उनकर नाम के आगे “डॉक्टर” भी नहीं लग पाया।