क्या है स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम? (Student Direct Stream)
वर्ष 2018 में 14 देशों के योग्य और इच्छुक छात्रों के लिए वीजा प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (एसडीएस) कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। इन 14 देशों में एंटीगुआ और बारबुडा, ब्राजील, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, भारत, मोरक्को, पाकिस्तान, पेरू, फिलीपींस, सेनेगल, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, त्रिनिदाद और टोबैगो और वियतनाम शामिल थे। इस कार्यक्रम के तहत न सिर्फ वीजा प्रक्रिया को आसान किया गया था बल्कि अनुमोदन दरें भी कम की गई थीं। यह भी पढ़ें
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एक अनुमानित डाटा के अनुसार, 4 लाख भारतीय छात्रों में से करीब 60 प्रतिशत ने वर्ष 2023 में एसडीएस कार्यक्रम के तहत आवेदन किया था। SDS कार्यक्रम के तहत जो आवेदन किए गए थे उनकी स्वीकृति दर 95 प्रतिशत थी। वीजा प्रक्रिया पूरी होने में केवल चार सप्ताह लगते थे। ये नियमित स्टडी परमिट के लिए लगने वाले समय का आधा था। इस योजना के तहत यदि आवेदक बायोमेट्रिक्स जमा करते थे और सभी योग्य शर्तों को पूरा करते थे तो आवेदन 20 दिनों में प्रोसेस कर दिया जाता था।क्यों बंद किया फास्ट-ट्रैक छात्र वीजा? (Fast Track Student Visa)
वहीं बीते शुक्रवार को फास्ट ट्रैक छात्र वीजा कार्यक्रम को खत्म करते हुए इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) ने कहा कि कनाडा सरकार का लक्ष्य कार्यक्रम की अखंडता को मजबूत करना और सभी छात्रों के लिए आवेदन प्रक्रिया को एक समान और निष्पक्ष बनाना है। आईआरसीसी ने कहा कि भावी छात्र अभी भी नियमित अध्ययन परमिट मार्ग के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं, जिसके लिए गारंटीकृत निवेश प्रमाणपत्र वित्तीय सहायता के प्रमाण के रूप में स्वीकार किए जाएंगे। कनाडा सरकार (Canada Government) का कहना है कि फास्ट ट्रैक स्टूडेंट वीजा को खत्म करने के पीछे सबसे बड़ा कारण है विदेशी छात्रों की संख्या को सीमित करना। पिछले कई सालों में संसाधनों और आवास की जगह में कमी को देखते हुए कनाडा सरकार ने यह कदम उठाया। इस पॉलिसी में किए संसोधन के तहत अगले साल यानी कि वर्ष 2025 में कुल 437,000 छात्रों को परमिट देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें हर तरह की पढ़ाई और कोर्स शामिल हैं। इनमें पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्स भी शामिल हैं।