भिण्ड-ग्वालियर राष्ट्रीय राजमार्ग 92 से लगे मालनपुर क्षेत्र के मौजा लहचूरा एसडीएम डी के शर्मा ने 52 एकड़ जमीन का सैनिक स्कूल निर्माण के लिए निरीक्षण किया। नेशनल हाईवे से काफी समीप होने से यहां की जमीन सैनिक स्कूल के लिए काफी उपयुक्त समझी जा रही है। साथ ही एसडीएम और दिल्ली की टीम के द्वारा नायब तहसीलदार एस एस प्रजापति, आरआई नरेंद्र सिकरवार, पटवारी संजय शर्मा द्वारा जमीन की नाप-तौल कराई गई है।
सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा संचालित होने वाले स्कूल भवन के निर्माण का पूरा खर्च अब प्रदेश सरकार को वहन करना होगा। इसके निर्माण पर 50 करोड़ की राशि खर्च आना बताई गई है। इस राशि में 10-10 करोड़ की राशि प्रति साल निर्माण पर खर्च की जाएगी। साथ ही मौजा लहचूरा की जमीन के प्रस्ताव पर रक्षा मंत्रालय में अधिकारियों के बीच चर्चा होगी। इसके बाद वहां से जमीन का भौतिक सत्यापन करने टीम भिण्ड आएगी। टीम यहां देखेगी कि शहर से दूरी क्या है और पेयजल और बिजली की उपलब्धता की स्थिति कैसी है।
1961 से 71 तक देश के कई राज्यों में 17 सैनिक स्कूल केंद्र सरकार द्वारा खोले गए थे। कालांतर में यह योजना केंद्र सरकार की उपेक्षा का शिकार हो गई। इससे 46 वर्षों में देश में केवल 9 स्कूल ही खोले गए। हरियाणा, बिहार, कर्नाटक ने एक से ज्यादा सैनिक स्कूल खोलकर सेना में अपने अफसरों की संख्या बढ़ाई। मध्यप्रदेश में 1962 में रीवा में सैनिक स्कूल स्थापित किया गया। इसके 56 सालों में राज्य में कोई दूसरा सैनिक स्कूल नहीं खुल पाया है।