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‘नमस्कार कहें’, ‘गुड मॉर्निंग’ नहीं : उपराष्ट्रपति नायडू

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत को उपनिवेशवाद की मानसिकता से बाहर निकलना चाहिए और ‘गुड मॉर्निंग’, ‘गुड आफ्टरनून’, और ‘गुड इवनिंग’ के स्थान पर ‘नमस्कार’ कहना चाहिए।

Sep 29, 2018 / 03:03 pm

जमील खान

Venkaiah Naidu

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि भारत को उपनिवेशवाद की मानसिकता से बाहर निकलना चाहिए और ‘गुड मॉर्निंग’, ‘गुड आफ्टरनून’, और ‘गुड इवनिंग’ के स्थान पर ‘नमस्कार’ कहना चाहिए। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा, वह अंग्रेजी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन भारत को अंग्रेजी उपनिवेशवादी शासन की मानसिकता से बाहर निकलने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘नमस्कार भारत में हमारा संस्कार है। यह सुबह, शाम और रात में भी उचित है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्यसभा के सभापति होने के नाते उन्होंने उन उपनिवेशवादी कार्यों को समाप्त कर दिया, जो पुराने हो चुके थे। उन्होंने याद करते हुए कहा कि कैसे हाल ही में अंग्रेजी को एक बीमारी कहने के बाद मीडिया के एक वर्ग ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया था, जबकि वह मातृभाषा की रक्षा और प्रसार के बारे में बात कर रहे थे।

नायडू ने कहा, मैंने ऐसा नहीं कहा था। अंग्रेजी एक बीमारी नहीं है। अंग्रेजी का स्वागत है। आप इससे सीखते हैं, लेकिन अंग्रेजी दिमाग जो कि ब्रिटिश शासन द्वारा हमें परंपरागत रूप से मिला है, वह बीमारी है। अंग्रेज चले गए, उनकी मानसिकता यहीं बनी हुई है। नायडू ने संस्थान द्वारा परंपरागत काले दीक्षांत गाउन पहनना अनिवार्य नहीं करने की भी सराहना की।

एक लाख 23 हजार बालिकाओं को मिलेगा गार्गी पुरस्कार
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित सैकण्डरी एवं सीनियर सैकण्डरी, प्रवेशिका एवं वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा-2018 में 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाली एक लाख 23 हजार बालिकाओं को इस वर्ष गार्गी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को बताया कि इन बालिकाओं को सत्र 2018-19 का गार्गी पुरस्कार समारोह प्रत्येक जिला मुख्यालय एवं पंचायत समिति स्तर पर चार अक्टूबर तक आयोजित कर पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष एक लाख 23 हजार बालिकाओं को 46 करोड़ आठ लाख रुपए की राशि का वितरण गार्गी पुरस्कार समारोह के तहत किया जायेगा। पुरस्कार की पात्र बालिकाएँ पुरस्कार के लिए अपने जिले के माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी के यहां आवेदन कर सकती हैं।

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