काफी लम्बी है प्रक्रिया आरपीएससी अध्यक्ष अथवा सदस्यों की अनियमितताओं अथवा गम्भीर मामलों में सरकार पूरी रिपोर्ट राज्यपाल को भेजती है। राजभवन स्तर पर विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए संबंधित सदस्य-अध्यक्ष को बर्खास्त करने के लिए राष्ट्रपति तक रेफरेंस भेजना पड़ता है।
यह है कार्रवाई नियम संविधान के अनुच्छेद 317 के तहत संघ अथवा राज्य लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य को हटाने और निलंबित का प्रावधान निर्धारित है। इसके अनुसार अध्यक्ष अथवा सदस्य के मामले में खंड (1) के अधीन उच्चतम न्यायालय को निर्देशित किया गया है। किसी अध्यक्ष अथवा सदस्य का अपनी पदावधि में अपने पद के कर्तव्यों के बाहर सवेतन-नियोजन, दिवालिया, मानसिक-शारीरिक रूप से अक्षम होने पर कार्रवाई का प्रावधान है। राष्ट्रपति ऐसे निर्देश पर उच्चतम न्यायालय का प्रतिवेदन मिलने के बाद बर्खास्तगी के आदेश जारी करते हैं।
मांग सकता है निर्वाह-भत्ता निमयानुसार निलंबित कार्मिक-अधिकारी को वेतन के 50 प्रतिशत की दर से निर्वाह भत्ते देने का प्रावधान है। निलंबन की शेष अवधि के लिए कार्यवाही में विलंब होने पर 75 प्रतिशत की दर से भत्ता प्रदान किया जाता है। हालांकि आरपीएससी ने इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।
एसओजी की नजरें पेपर पर..
आयोग के अधिकृत सूत्रों के अनुसार एसओजी की नजरें सब इंस्पेक्टर परीक्षा-2021 के पेपर पर हैं। एसओजी का रडार अब कटारा द्वारा पेपर सेटिंग करने की तरफ घूम सकता है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी जगदीश विश्नोई कटारा के संपर्क में था। एसओजी को आशंका है कि सब इंस्पेक्टर परीक्षा का पेपर भी वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर की तर्ज पर लीक हुआ है।
यह भी पढ़ें मजे से ले रहा था इंटरव्यूसब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 के तहत आयोग ने 3293 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए उत्तीर्ण घोषित किया था। यह साक्षात्कार पिछले साल 23 जनवरी से शुरू हुए थे। वरिष्ठ अध्यापक पेपर लीक मामले में ग्रिफ्तारी से पहले कटारा मजे से इंटरव्यू ले रहा था। उसके द्वारा लिए गए इंटरव्यू भी संदेह के घेरे में है।
60 फीसदी अधिक संपत्ति मिली कटारा के पास एसीबी ने बाबूलाल कटारा के संपत्ति का ब्योरा एकत्रित किया था। जांच में 60 फीसदी अधिक संपत्ति पाई गई। एसीबी के अनुसारकटारा ने अपने साले हीरालाल मीणा के मार्फत एक आलिशान मकान अपनी पत्नी को गिफ्ट दिलवाया जबकि हीरालाल का ना तो कोई बिजनेस है और ना ही कोई नौकरी। कटारा के बेटे ने एमबीबीएस करने के बाद कोई नौकरी नहीं की। उसके बाद भी उसके पास अथाह संपत्ति मिली है। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में बाबूलाल कटारा कई महीनों से जेल में है। आय से अधिक संपत्ति मिलने पर सीबी ने केस दर्ज किया है।