इस मामले में तमिलनाडु मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन और अन्य की तरफ से दाखिल की गयी याचिका पर आज सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस विनीत सरन, जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस एमआर शाह और अनिरुद्ध बोस सहित पांच जजों की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि दूरदराज क्षेत्रों में काम करने वाले सरकारी डाक्टरों को पीजी कोर्सेज में दाखिले के लिए रिजर्वेशन देने की पॉवर स्टेट गवर्नमेंट को है।
केंद्र सरकार और एमसीआई ने किया था विरोध
इस याचिका का विरोध यह कहकर केंद्र सरकार और एमसीआई ने किया था कि इस तरह से रिजर्वेशन देकर इन-सर्विस डाक्टरों के दाखिले से मेडिकल एजुकेशन के स्तर पर प्रभाव पड़ेगा और इससे एमसीआई की अथॉरिटी भी प्रभावित होगी।
नीट पीजी कोर्सेज में दाखिले की वर्तमान व्यवस्था
इस समय पीजी की डिप्लोमा कोर्सेज हेतु होने वाले दाखिले के लिए 50 फीसद सीटें सरकारी डाक्टरों के लिए रिज़र्व की गई हैं लेकिन वहीँ एमसीआई नियमों के मुताबिक पीजी के डिग्री कोर्सेज में दाखिले हेतु सरकारी डाक्टरों के लिए रिजर्वेशन की कोई व्यवस्था नहीं है। पीजी के डिग्री कोर्सेज के लिए होने वाले दाखिले में 50 फीसद सीटें आल इंडिया कोटे से और 50 फीसद सीटें स्टेट कोटे से भरी जाती हैं।