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Success Story: हंसते-खेलते क्रैक किया UPSC, सरकारी नौकरी में नहीं लगा मन तो दे दिया इस्तीफा, आज कर रही हैं ये काम 

Ratna Vishwanathan Success Story: रत्ना को कई पदों पर काम करने के बाद ये एहसास हुआ कि वे इस नौकरी के लिए नहीं बनी हैं। उन्हें शिक्षा का महत्व समझ आया। ऐसे में रत्ना ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और अब देश भर के अलग-अलग राज्यों में सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाने और मजेदार तरीके से शिक्षा देने का काम कर रही हैं।

नई दिल्लीSep 24, 2024 / 04:03 pm

Shambhavi Shivani

Ratna Vishwanathan Success Story: मनुष्य खुद के लिए भले ही कितने भी प्लान्स बना ले, होता वही है जो ऊपर वाले को मंजूर है। कुछ ऐसी ही कहानी है यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास करके IPS कैडर लेने वाली इस महिला की। हम बात करे रहे हैं रत्ना विश्वनाथन की, जिनका परिवार नहीं चाहता था कि बेटी IPS बने। घर वालों के दबाव में आकर उन्होंने ऑडिट विभाग का चुनाव किया। लेकिन जिंदगी ने फिर करवट बदली और रत्ना ने सरकारी नौकरी छोड़ दी। आइए, जानते हैं रत्ना की सफलता की कहानी
रत्ना को कई पदों पर काम करने के बाद ये एहसास हुआ कि वे नौकरी के लिए नहीं बनी हैं। उन्हें शिक्षा का महत्व समझ आया। ऐसे में रत्ना ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और अब देश भर के अलग-अलग राज्यों में सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाने और मजेदार तरीके से शिक्षा देने का काम कर रही हैं। रत्ना ‘रीच टू टीच’ संस्था के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, मेघालय, हरियाणा जैसे राज्यों के सरकारी स्कूलों में काम कर रही हैं।

लखनऊ से हुई पढ़ाई-लिखाई (Ratna Vishwanathan)

रत्ना मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली हैं, लेकिन उनके पिताजी व्यापार के सिलसिले में लखनऊ आए, तब से उनका परिवार लखनऊ में रह गया। रत्ना की पढ़ाई-लिखाई लखनऊ से हुई है। उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य से एमए किया है। 
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पढ़ने को लेकर सीरियस नहीं थी रत्ना 

रत्ना (Ratna Vishwanathan) अपने कॉलेज के दिनों में पढ़ाई-लिखाई और करियर को लेकर अधिक गंभीर नहीं थी। लेकिन उन्हें ऐसे दोस्तों का साथ मिला जो काफी पढ़ाई करते थे। इनमें से कुछ यूपीएससी की तैयारी (UPSC Preparation) कर रहे थे। दोस्तों से प्रभावित होकर रत्ना ने भी फॉर्म भरने का निर्णय लिया। रत्ना कहती हैं कि 1987 में न तो इतने कोचिंग संस्थान थे और न ही लोगों में पढ़ाई पर खर्च करने की क्षमता। ऐसे में वे सारे दोस्त एक जगह बैठकर एक दूसरे से चर्चा करते थे और समूह अध्ययन (ग्रुप स्टडी) करते थे। हालांकि, रत्ना को खुद से इतनी उम्मीद नहीं थी कि वे परीक्षा पास कर पाएंगी। लेकिन जब रिजल्ट आया तो उनका प्रीलिम्स क्लियर हो चुका था। प्री परीक्षा पास करने के बाद रत्ना सीरियस हो गईं और उन्होंने मेन्स की तैयारी की। फाइनल सेलेक्‍शन हुआ तो उन्‍हें IPS कैडर मिला। 
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परिवार ने आईपीएस कैडर चुनने से किया मना (Success Story)

रत्ना (Ratna Vishwanathan) के घर वालों को लगता था कि वे पुलिस विभाग के लिए नहीं बनी हैं। ऐसे में उनके पिता ने उन्हें सलाह दी कि वे IPS छोड़कर किसी और सेवा में जाएं। इसके बाद रत्ना ने भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा (IAAS) में जाने का फैसला लिया। रत्ना ने ऑडिट, रक्षा मंत्रालय और भारतीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जैसे विभिन्न विभागों में 21 साल तक काम किया है।

सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए करती हैं काम (Success Story)

रत्ना अच्छे पद पर थीं। लेकिन इतने के बाद भी उन्हें लगता था कि देश व समाज के लिए कुछ अलग किया जा सकता है। ऐसे में उन्होंने 2008 में सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और VRS ले लिया। इसके बाद वे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय NGO के साथ जुड़कर काम करने लगीं। उन्होंने करीब 4 साल तक ऑक्सफैम इंडिया की ऑपरेशंस डायरेक्टर के रूप में काम किया। रत्ना ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के साथ भी काम किया। वहीं 2020 से वे ‘रीच टू टीच’ की सीईओ के रूप में स्कूली बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रही हैं। रत्ना का मानना है कि देश में सबसे अधिक बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं। ऐसे में वे सरकारी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई के लिए काम कर रही हैं। 

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