रत्ना को कई पदों पर काम करने के बाद ये एहसास हुआ कि वे नौकरी के लिए नहीं बनी हैं। उन्हें शिक्षा का महत्व समझ आया। ऐसे में रत्ना ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और अब देश भर के अलग-अलग राज्यों में सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाने और मजेदार तरीके से शिक्षा देने का काम कर रही हैं। रत्ना ‘रीच टू टीच’ संस्था के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, मेघालय, हरियाणा जैसे राज्यों के सरकारी स्कूलों में काम कर रही हैं।
लखनऊ से हुई पढ़ाई-लिखाई (Ratna Vishwanathan)
रत्ना मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली हैं, लेकिन उनके पिताजी व्यापार के सिलसिले में लखनऊ आए, तब से उनका परिवार लखनऊ में रह गया। रत्ना की पढ़ाई-लिखाई लखनऊ से हुई है। उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य से एमए किया है। यह भी पढ़ें
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पढ़ने को लेकर सीरियस नहीं थी रत्ना
रत्ना (Ratna Vishwanathan) अपने कॉलेज के दिनों में पढ़ाई-लिखाई और करियर को लेकर अधिक गंभीर नहीं थी। लेकिन उन्हें ऐसे दोस्तों का साथ मिला जो काफी पढ़ाई करते थे। इनमें से कुछ यूपीएससी की तैयारी (UPSC Preparation) कर रहे थे। दोस्तों से प्रभावित होकर रत्ना ने भी फॉर्म भरने का निर्णय लिया। रत्ना कहती हैं कि 1987 में न तो इतने कोचिंग संस्थान थे और न ही लोगों में पढ़ाई पर खर्च करने की क्षमता। ऐसे में वे सारे दोस्त एक जगह बैठकर एक दूसरे से चर्चा करते थे और समूह अध्ययन (ग्रुप स्टडी) करते थे। हालांकि, रत्ना को खुद से इतनी उम्मीद नहीं थी कि वे परीक्षा पास कर पाएंगी। लेकिन जब रिजल्ट आया तो उनका प्रीलिम्स क्लियर हो चुका था। प्री परीक्षा पास करने के बाद रत्ना सीरियस हो गईं और उन्होंने मेन्स की तैयारी की। फाइनल सेलेक्शन हुआ तो उन्हें IPS कैडर मिला। यह भी पढ़ें- NV Admission: छठी कक्षा में दाखिला का एक और मौका, अब इस डेट तक कर सकते हैं अप्लाई, नोट कर लें